वन विभाग द्वारा लगाए गए कैमरों में ट्रैप भी हुआ है। आसपास के खेतों में उसके पगमार्क मिल रहे हैं। दिनों खेतों में पानी लगाने का सीजन होने के बाद भी लोग डर के मारे नहीं जाते हैं। वन विभाग द्वारा बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
सभी कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। गौरतलब है कि पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर जोन के साथ ही बफर जोन क्षेत्र में भी बहुतायत में बाघ पाए जाते हैं। पन्ना और अमानगंज के बफर जोन क्षेत्र बाघों की अधिकता है। इसका मुख्य कारण दोनों क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी की उपलब्धता है।
अमानगंज रेंज के ही विक्रमपुर और इससे लगे क्षेत्र में बाघिन का लगातार मूवमेंट था। जिसे वन विभाग द्वारा ट्रेंकुलाइज कर बाहर भेज दिया गया था। इसके बाद अब उड़ला बीट के गांवों में बाघ का मूवमेंट बना है।
सूरजपुरा में बछड़े का शिकार वन विभाग के अनुसार बाघ को रेडियो कॉलर नहीं पहनाया गया है। इससे उसकी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। बाघ कैमरे में ट्रैप हुआ है। बताया गया कि करीब चार दिन पूर्व सिरसीपटना में बाघ ने सुरेश परड़हा के एक मवेशी का शिकार किया था। इसके बाद यहां कैमरा लगा दिए गए थे। जहां बाघ दोबारा आया और शिकार को घसीटते हुए कुछ दूर तक ले गया था।
उक्त घटनाक्रम के बाद शनिवार की रात बाघ ने ग्राम सूरजपुरा में राममिलन पिता घंसू कुशवाहा के बछड़े का शिकार किया है। ग्रामीणों ने अनुसार आसपास के क्षेत्रों में लगातार बाघ के पगमार्क मिल रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया, गांव से जंगल की दूरी करीब ढाई किमी. है। इससे बाघ जंगल से निकलकर तुरंत गांव पहुंच जाता है। उसके पगमार्ग लगातार मिल रहे हैं।
खेतों में नहीं लगा पा रहे पानी सूरजपुरा और सिरसी पटना में एक सप्ताह से लगातार बाघ की दहशत के कारण किसान खेतों में पानी लगाने नहीं जा रहे हैं। शाम होते ही घरों को लौट जाते हैं। समय पर खाद और पानी नहीं मिलने के कारण फसलों की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है। बाघ की दहशत के कारण आसपास के लोगों ने जंगल जाना बंद कर दिया है।
वन विभाग द्वारा जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोगों से जंगल नहीं जाने की अपील की गई है। लोगों से कहा गया है कि वे समूह में चलें और हाथ में लाठी व कुल्हाड़ी आदि लिए रहें। बच्चों को घरों से बाहर अकेले नहीं निकलने दें। रेंजर अमानगंज बफर आरपी प्रजापति के अनुसार बाघ के पगमार्क मिले हैं। जिनके मवेशियों का शिकार किया है उनको नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। अभी बाघ समीप के जंगल की ओर चला गया है। वन विभाग की टीम बाघ की हर गतिविधि पर नजर रख रही है।