गत दिवस की रात सिरसी गांव के पटेल परिवार के दो किसान हिम्मत कर घर के पास खेत की रखवाली करने जा रहे थे कि इसी दौरान टार्च की रोशनी में बाघ को देखा तो घबरा गए। डर के कारण टार्च मौके पर ही छूट गई और वे अंधेरे में जान बचाकर घर की ओर दौड़ पड़े। दूसरे दिन बाघ के फिर आने की जानकारी लोगों ने जंगल के कर्मचारियों को दी।
गौरतलब है कि उड़ला बीट के सिरसी पटना और सूरजपुर ग्राम सहित असपास के करीब एक दर्जन गांव में उक्त बाघ का एक सप्ताह से भी अधिक समय से मूवमेंट बना है। बाघ मवेशियों का शिकार भी कर चुका है। वन विभाग के रेंज और अनुभाग स्तर के अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण भी कर चुके हैं।
उनके द्वारा ग्रामीणों को घर से बाहर निकलने के दौरान एहतियात बरतने की चेतावनी दी गई है। ग्रामीणों ने बताया, बाघ शाम होते ही आसपास के किसी भी गांव में आ जाता है। रात रुकने के बाद सुबह जंगल की ओर भाग जाता है। ग्राम सिरसी निवासी किसान विष्णु पटेल पिता किशेारी पटेल ने बताया, रात को खेत नहीं जाने के कारण खेती प्रभावित हो रही है।
इसी कारण रात को टार्च लेकर भाई के साथ घर के करीब 50 मीटर की दी दूरी पर बने खेत में जा रहे थे। वे बीच रास्ते में ही पहुंचे थे कि देखा कि टार्च की रोशनी में बाघ आ गया। बाघ को देखते ही दोनों के हाथ-पैर फूलने लगे। हालात यह हो गई कि उन्हें पता ही नहीं चला कि कब टार्च उनके हाथ से छूट गई।
बगैर किसी प्रकार की आहट किए दोनों भागकर घर पहुंचे। दूसरे दिन मामले की जानकारी ग्रामीणों को दी। उक्त घटनाक्रम के बाद से ग्रामीणों में दहशत है। किसान खेतों की ओर जाने से डरने लगे हैं।