पन्ना

टाइगर रिजर्व में तेज होगी विस्थापन प्रक्रिया, पर्यटन सुविधाओं में भी होगा विस्तार

तीन दिन के पन्ना दौरे पर आए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी शाहबाज अहमद ने दी जानकारी, छतरपुर, दमोह और पन्ना जिले के जंगलों को भी देखा। पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिये शीघ्र काम शुरू करने के दिए संकेत।

पन्नाAug 11, 2018 / 09:34 pm

Rudra pratap singh

Tiger reserve will be faster in displacement process in panna

पन्ना. पन्ना टइगर रिजर्व में करीब एक दशक पूर्व फील्ड डायरेक्टर रह चुके प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी शाहबाज अहमद ने पन्ना टाइगर रिजर्व और कर्यालय सहित आसपास चल रही गतिविधियों की तीन दिनों तक समीक्षा की। वन्य प्राणियों की सुरक्षा और बेहतर तरीके से कैसे की जाए इसकी समीक्षा करने के साथ मैदानी क्षेत्र में दौरा भी किया और टाइगरों की संख्या कैसे बढ़ाई जाए और टाइगर रिजर्व की सीमा छोड़कर बफर जोन या अन्य क्षेत्रों की ओर निकल कर भागे रहे बाघों को सुरक्षा प्रदान करने संबंधी मुद्दों की समीक्षा करने के बाद वन विभाग को स त निर्देश दिए हैं। उन्होंने छतरपुर दमोह और पन्ना के जंगलों में घूमने के बाद सभी कर्मचारियों की समस्याओं को भी सुना। पीसीसीएफ शाहबाज अहमद ने पन्ना टाइगर रिजर्व के मुख्यालय में पहुंचकर कार्यालय का भी दौरा किया। पन्ना टाइगर रिजर्व को और कैसे सुरक्षित बनाया जाए इसके दिशा निर्देश नवागत फील्ड डायरेक्टर एसएस भदोरिया को दिए।
गौरतलब है कि पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शाहबाज अहमद 11 वर्ष पूर्व पन्ना टाइगर रिजर्व में फील्ड डायरेक्टर के रूप में पदस्थ रह चुके हैं। उन्हें पन्ना की समस्याएं और पन्ना टाइगर रिजर्व की चुनोतियों की भी जानकारी है। शाहबाज अहमद ने कहा, पन्ना टाइगर रिवर्ज से विस्थापन की प्रक्रिया को फिर तेज किया जाएगा। इसमें आने वाली कानूनी अड़चनों को भी प्राथमिकता के साथ दूर करेंगे। उन्होंने कहा, पन्ना मेरी प्राथमिकताओं वाला जिला है। प्रदेश में बाघों की सं या बढ़े इसके लिए सरकार और विभाग काम कर रहा है। पन्ना में पर्यटन को और बढ़ाने के लिए वन विभाग में काम करना प्रारंभ कर दिया है। उम्मीद है कि पन्ना में पर्यटन बढ़ेगा और जिससे इस क्षेत्र का विकास हो सकेगा।
कृतिम गर्भाधान से सुधारेंगे मवेशियों की नश्ल
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शाहबाज अहमद ने कहा, बफफर जोन के गांव में भारी मात्रा में पालतू जानवर है । किसान जंगलों में इन जानवरों को छोड़ देते हैं ।यह जानवर कम दूध देने वाले होते हैं लिहाजा किसी सामाजिक संगठन पुणे की काम करने वाली संस्था वेफ है। यदि उससे टाइगर रिजर्व लंबे समय के लिए समझौता कर यहां कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा संचालित करता है तो बफर जोन में दुधारू नस्ल पैदा की जा सकती है और जब दुधारू नस्ल के पालतू जानवर होंगे तो किसान घर में बांधकर इन जानवरों को खिलाएंगे और अच्छे दूध का उत्पादन करेंगे जिससे किसानों की जीवन में खुशहाली आएगी और जंगल को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने तत्काल फील्ड डायरेक्टर एसएस भदोरिया एवं वन्यप्राणी चिकित्सक संजीव गुप्ता को प्रस्ताव तैयार कर यह गतिविधि संचालित करने की निर्देश भी दिए।
पर्यटन विकास योजन लगू करने के निर्देश
उन्होंने वन विभाग को तत्काल पर्यटन विकास योजना लागू करने के आदेश दिए हैं। जिससे पन्ना में पर्यटन कारोबार को बढ़ाव मिल सकेगा। इससे पन्ना के आसपास के रमणीय स्थलों को एक पर्यटन सर्किट में जोड़ा जा सकेगा। उनके साथ पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एस एस भदौरिया, उत्तर वन मंडल के डीएफओ नरेश यादव, दक्षिण वन मंडल की डीएफओ मीना मिश्रा, पन्ना टाइगर रिजर्व की जॉइंट डायरेक्टर बासु कनौजिया, वन्य प्राणी चिकित्सक डॉक्टर संजीव गुप्ता सहित बड़ी संख्या में वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल रहे।

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