गौरतलब है कि ठंड के दिनों में हर साल हिमालय सहित अन्य ठंडे देशों से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पन्ना टाइगर रिर्जव के कोर और बफर क्षेत्र में पानी की उपलब्धता वाले स्थानों के आसपास देखे जा रहे हैं। ठंड के सीजन में रहकर ब्रीडिंग करते हैं और गर्मी का मौसम शुरू होते ही चले जाते हैं।
इन्हें जंगल से लगे खेतों में भी आसानी से देखा जा सकता है। इनका सौंदर्य पर्यटकों के साथ ही आसपास के लोगों को भी आकर्षित कर रहा है। इस बार दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों का दीदार मिल रहा है। कोर व बफर क्षेत्र में तालाबों, खेतों, बांधों, नदियों, झरनों के पास इन्हें आसानी से देखा जा सकता है।
पक्षियों की लगभग 400 प्रजातियां यहां प्रवास पर आती हैं जिनमें से अधिकांश यूरोप, मध्य एशिया और साइबेरिया से आती हैं। इस बार काफी अधिक संख्या में पहुंचे प्रवासी पक्षियों की सुरीली चहक से पूरा इलाका गूंज रहा है। प्रकृति प्रेमियों के साथ विद्यार्थी भी पक्षियों को देखने के लिए पहुंचने लगे हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर और कोर जोन में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है।
हर साल आते हैं ये पक्षी इंडियन मरहैन, गडवाल, पिनटेल, कॉमन टील, विजउन, सेवेलर, लार्ज कामोरेंट, कॉमन पोचर्ड, ब्लैक हेडिड गुल, ब्रोन हेडिड गुल, बस्ट इगल, मार्स हैरियर, लिटल इगरट, लार्ज इगरट, मेडन इगरट, वाइट ब्रेस्टिड किंगफिशर, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, डार्टर, डबचिक, लिटल कार्मोरेंट, ब्लैक कूट। इन पक्षियों के यहां पहुंचने से पर्यटकों में इन्हें देखने की इच्छा भी तीव्र प्रतीत होने लगी है।