बृजपुर हाट बाजार में सालों पहले बनाया गया शेड ध्वस्त हो गया था। जिसकी हर चीज चोरी हो चुकी है अब वहां चबूतरा बस बचा है। वहीं जमुनहाई में लगा टीन शेड तीन सालों से गिरा पड़ा है। अब यहां मवेशी बांधे जा रहे हैं। जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को इनके संबंध में अभी तक विशेष जानकारी नहीं है।
गौरतलब है कि हाटबाजार बनाने का उद्देश्य ग्रामीणों को गांव में ही मार्केट उपलब्ध कराना था, जिससे गांव में होने वाली सब्जियां और फसल आदि को ग्रामीण यहीं पर बेच सकें। उन्हें शहर तक अपने उत्पाद ले जाने के लिए परेशान नहीं होना पड़े। इससे लागत कम आने से खरीदार को भी गंाव में ही शहर की अपेक्षा कम कीमत पर वस्तुएं मिल सकेंगी।
इसी के तहत जिले में विपणन संघ की ओर से जमुनहाईऔर बृजपुर सहित कईजगहों पर हाट बाजार का निर्माण कराया गया था। ठेकेदार एजेंसी द्वारा उक्त निर्माण कार्यमें भारी लापरवाही बरती गई थी। घटिया स्तर का निर्माण कराया गया था। इसके कारण तत्कालीन सरपंचों ने इन्हें अपने संरक्षण में लेने से इंकार कर दिया था।
अधिकारियों को भी नहीं पता दोनों हाट बाजार के संबंध में किसी को भी जानकारी नहीं है। यहां तक कि इनका निर्माण कराने वाले विपणन संघ के अधिकारी भी मामले में अनभिज्ञता जता रहे हैं। संघ के ही कुछ लोगों द्वारा मामले की जानकारी पन्ना के बजाए सागर और भोपाल से मिलने की बात कही जा रही है। वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी भी पूरे दिन एक-दूसरे से जानकारी लेकर बताने की बात करते रहे।
लाखों की लागत से बनाए गए यह निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए और मामले से किसी जिम्मेदार को कोई मतलब नहीं है। जिस तरह से इसमें लापरवाही हुई है उससे निर्माण में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। मामले की जांच कराया जाना जरूरी है। मामले की जानकारी कलेक्टर को भी दी गई थी, कलेक्टर ने मामले में जिला पंचायत के एडिशनल सीईओ को जानकारी लेेने के लिए कहा था। देर शाम तक उन्हें भी सिर्फइतनी ही जानकारी मिल सकी कि विपणन संघ ने इनका निर्माण कराया था।
गुणवत्ता भी खराब बताया गया कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता खराब होने के कारण संबंधित पंचायतों के तत्कालीन सरपंच और सचिवों ने उन्हें अपने संरक्षण में लेने से इंकार कर दिया था। इससे इनकी देखरेख नहीं हो सकी। इसी का परिणाम रहा कि बनने के कुछ ही दिनों बाद बृजपुर का हाट बाजार का शेड ढह गया था। इससे धीरे-धीरे इसमें लगी बिजली और शेड सहित अन्य सामग्री भी चोरी हो गई।
अब हालत यह है कि यहां हाटबाजार के नाम पर सिर्फ चबूतरा बचा है। जिसका किसी भी काम में उपयोग नहीं हो रहा है। वहां की बेशकीमती जमीन पर लोगों ने अतिक्रमण करना जरूर शुरू कर दिया है। इससे अब इसे अतिक्रमण से बचाया जाना भी जरूरी हो गया है। यही हाल जमुनहाई के हाट बाजार का तीन साल से गिरा हुआ है। इसके गो डाउन में टेंट हाउस का कब्जा है और शेड को लोगों ने तबेला बना लिया है। इसके भी चोरी का सिलसिला शुरू हो गया है।
मामले की पूरी जानकारी अभी मुझे नहीं मिली है है। कल कार्यालय पहुंचकर पूरी जानकारी लेने के बाद ही कुछ कहा जा
सकता है।
अमित गुप्ता, डीएमओ विपणन संघ हाट बाजार विपणन संघ ने बनाया था। इसकी लागत, निमार्ण वर्ष आदि के संबंध में अब तक जानकारी नहीं है। कल पता करके बता देंगे।
अशोक चतुर्वेदी, एडिशनल सीईओ
सकता है।
अमित गुप्ता, डीएमओ विपणन संघ हाट बाजार विपणन संघ ने बनाया था। इसकी लागत, निमार्ण वर्ष आदि के संबंध में अब तक जानकारी नहीं है। कल पता करके बता देंगे।
अशोक चतुर्वेदी, एडिशनल सीईओ
जनता के हित के लिए जिले में हाट बाजार बनाए गए थे। हाटबाजार के ढहने का मामला अभी मेरे संज्ञान में आया है। इस संबंध में जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदार एजेंसी और ठेकेदार पर कार्रवाई करेंगे। हल्द ही हाट बाजारों को हैंडओवर कराने की कार्रवाई की जाएगाी।
कर्मवीर शर्मा, कलेक्टर पन्ना
कर्मवीर शर्मा, कलेक्टर पन्ना