scriptपन्ना में बलदेव मंदिर के कुएं की सफाई के दौरान मिली अंडरग्राउंड कैनाल | Underground canal found during cleaning of Baldev temple well in Panna | Patrika News

पन्ना में बलदेव मंदिर के कुएं की सफाई के दौरान मिली अंडरग्राउंड कैनाल

locationपन्नाPublished: May 13, 2022 01:33:16 am

Submitted by:

Balmukund Dwivedi

अंडर ग्राउड कैनाल के माध्यम से तालाबों से जुड़े हैं शहर के सभी प्राचीन कुएं, प्राचीन इंजीनियरिंग के उत्कृष्ठ उदाहरण इन जल स्रोतों की उपेक्षा से शहर में बढ़ रहा जल संकट, गर्मी में भी पानी से लबालब भरे रहते हैं प्राचीन कुएं

Underground canal found during cleaning of Baldev temple well in Panna

Underground canal found during cleaning of Baldev temple well in Panna

पन्ना. नगर में बढ़ रहे जल संकट को देखते हुए नगर पालिका इन दिनों कुओं की सफाई करा रही है। नगर के बलदेवजी मंदिर परिसर में बने कुए की सफाई के लिए इसे खाली कराने के दौरा एक अंडरग्राउंड कैनाल मिली है। जिससे कृतिम रूप से कुएं को भरा जाता है। इससे पहले भी प्राचीन कुओं की सफाई के दौरान इस तरह की अंडरग्राउंड जल संरचनाएं मिल चुकी हैं, जिससे गर्मी के दौरान भी कुओं और बावडिय़ों को कृतिम नहर के माध्यम से तालाबों से जोड़ा गया था। जिला प्रशासन इन प्राचीन चल संरचनाओं का संरक्षण नहीं कर पा रहा है इसी कारण से शहर को जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि इन दिनों नगर में जलसंकट के हालात हैं। शहर को पेयजल की आपूर्ति करने वाले धरम सागर और लोकपाल सागर डेड स्टोरेज लेबिल तक पहुंच गए हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर पालिका नगर के प्राचीन तालाबों की साफ-सफाई का काम करा रही है। इसी के तहत एक दो दिनों ने बलदेवजी मंदिर के पीछे वाले हिस्से में स्थित प्राचीन कुए की सफाई के लिए इसे खाली कराया जा रहा है। इसी दौरान यहां एक कृतिम कैनाल मिल गई है। इस कृतिम कैनाल से भीषण गर्मी में भी भारी मात्रा में पानी गिर रहा है। कैनाल से गिरने वाले पानी की रफ्तार इतनी अधिक है कि कुआ खाली करना मुश्किल हो रहा है। नगर के जानकार लोगों का कहना है कि कुएं में नहर के माध्यम से तालाब का पानी आ रहा है। राजशाही जमाने में तालाबों से अंडर ग्राउंड कैनाल नगर के प्रमुख कुओं तक जोड़ी गई थीं। जिससे जल संकट के हालत नहीं बनने पाएं। संरक्षण नहीं होने से यह उत्कृष्ण जल संरक्षण व्यवस्था अब नष्ट हो चुकी है।
अंडरग्राउंड कैनाल के माध्यम से कुओं तक पहुंचता है तालाबों का पानी
पन्ना के भू-गर्म में ग्राउंड वाटर नहीं है। इसी को देखते हुए यहां सरफेस वाटर बैंक बनाने के लिए राजशाही जमाने में तालाब, तलैया का बड़ी संख्या में निर्माण कराया गया था। इन तालाबों और तलैया से अंडरग्राउंड कैनाल के माध्यम से शहर के एक सैकड़ा से भी अधिक कुओं को जोड़ा गया था। इन कुओं की अपनी झिर नहीं हैं। तालाबों के पानी से इन कुओं को भरा जाता है। प्राचीन इंजीनियरिंग का यह बेजोड़ उदाहरण अब उपेक्षा के शिकार हैं। बुजुर्ग बताते हैं कि पहले भीषण गर्मी और सूखे के सालों में भी यह कुएं नहीं सूखते थे। बारिश के दिनों में तो इनमें इतना पानी होता था कि रस्सी की भी जरूरत नहीं पड़ती थी। हाथ से कुएं में बाल्टी डालकर ही लोग पानी भर लेते थे।
पहले भी मिल चुकीं हैं इसी तरह की जल संरचनाएं
करीब डेढ़ दशक पूर्व हुए जडिय़ा हत्याकांड के दौरान आरोपियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में बने एक कुए में हथियार फेक दिए थे। आरोपियों की निशानदेही पर हथियार जब्त करने कुए को खाली किया जा रहा था। दो दिन तक लागातार पानी निकालने के बाद भी कुआ खाली नहीं हुआ था। इससे मोटर पंपों की क्षमता बढ़ाने पड़ गई थी। वहां भी इसी तरह की कैनाल मिली थी। इसके अलावा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष बृजेंद्र बुंदेला के नगर परिषद अध्यक्ष रहते बेनीसागर तालाब का गहरीकरण कराने को तालाब को खाली कराया गया था। जिसके बाद पाया गया कि बस स्टैंड और इसके आसपास के करीब आधा सैकड़ा कुएं पूरी तरह से सूख गए थे। बाद में जो तालाब भरने के साथ ही फिर लबालब हो गए थे।
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