राजनीति के प्रश्न पत्र में गड़बड़ी की जानकारी भेजी गई छतरपुर यूनिवर्सिटी
पन्नाPublished: Apr 17, 2019 01:30:27 pm
खबर का असर
देवेंद्रनगर कॉलेज प्राचार्य ने गड़बड़ी की जानकारी देने यूनिवर्सिटी प्रबंधन को लिखा पत्रमहाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी छतरपुर का मामला
राजनीति के प्रश्न पत्र में गड़बड़ी की जानकारी भेजी गई छतरपुर यूनिवर्सिटी
पन्ना. महाराज छत्रसाल बुंदेलखंड छतरपुर यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित बीए द्वितीय वर्ष के राजनीति शास्त्र के प्रथम प्रश्न पत्र में गड़बड़ी का मामला मीडिया में आने के बाद पूरी यूनिवर्सिटी में हड़कंप मचा हुआ है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन की इस लापरवाही के कारण जिले में संचालित निजी और सरकारी करीब एक दर्जन कॉलेज के सैकड़ों छात्र-छात्राओं सहित यूनिवर्सिटी से संबंधित कॉलेजों के भी हजारों परीक्षार्थी प्रभावित हैं।मामला सामने आने के बाद जिले के देवेद्रनगर कस्बे में संचालित शासकीय कॉलेज के प्राचार्य ने मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन को पत्र लिखकर जांच कराकर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।
संस्था प्राचार्य प्रो. अमिताभ पांडेय ने यूनिवर्सिटी के कुल सचिव को लिख गए पत्र में बताया, बीए द्वितीय वर्ष राजनीति शास्त्र के प्रथम प्रशन पत्र के वस्तुनिष्ट प्रश्नों में प्रश्न क्रमांक 4 का सही उत्तर जर्मनी है और प्रश्न क्रमांक 5 में सही उत्तर डॉ. राम मनोहर लोहिया होता है । जो दोनों प्रश्नों के चारो आप्शन में नहीं दिया गया है। प्रश्न पत्र में सही आप्शन नहीं होने की शिकायत छात्रों ने उनसे की है। जिसको लेकर उन्होंने पत्र में मामले की जांच कराने और समुचित कार्रवाई करने की बता कही है।
यह है पूरा मामला
सोमवार को बीए द्वितीय वर्ष का राजनीति विज्ञान के प्रशनपत्र की परीक्षा थी। परीक्षा के दौरान वस्तुनिष्ट प्रशनों में प्रशन क्रमांक चार में पूछा गया कि कार्ल माक्र्स किस देश का विचारक था। इसके विकल्प के रूप में जिन चार विकल्पों ंको सुझाया गया था उनमें रूस, चीन, अमेरिया और इंग्लैंड के नाम दिए हुए थे। छात्रों के अनुसार ये चारो गलत थे। इसी प्रकार से प्रश्न क्रमांक पांच में पूछा गया था कि चौखम्भा राज्य का संबंध किस विचारक से है। इसके चार विकल्पों में गांधीजी, डॉ. बीआर अम्बेडकर, पंडि़त दीनदयाल उपाध्याय और एमएन राय के नाम दिए गए। जबकि इन चारों में से कोई भी सहीं नहीं है। परीक्षार्थियों ने इसकी जानकारी वीक्षकों और केंद्राध्यक्ष को भी दी थी।इसी मामले को लेकर संस्था प्राचार्य प्रो. अमिताभ पांडेय ने कुल सचिव को पत्र लिखकर तथ्य से अवगत कराया है। साथ ही मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।