गांव के इकलौते डॉक्टर चले गए, अब कौन करेगा इलाज
बुद्धसिंह साटा गांव से नौ लोग तीर्थयात्रा पर गए थे। आठ लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें डॉ. राजाराम सिंह और पत्नी गीता सिंह भी शामिल हैं। ग्रामीणों के अनुसार राजाराम गांव के इकलौते डॉक्टर थे। वे हर वक्त हम लोगों के साथ खड़े रहते थे। राजाराम के निधन के बाद अब गांव में कोई डॉक्टर नहीं, जो लोगों को उपचार दे सके। इस गांव में द्विवेदी परिवार के महिला-पुरुषों को मिलाकर छह और सिंह परिवार के एक दंपती की मौत हुई है। उधर, पन्ना जिले के मोहन्द्रा गांव के बांके बिहारी कटैहा और पत्नी रामसखी की भी हादसे में मौत हुई है। बांके की बेटी रजनी कटनी जिले के खमतरा के स्कूल में कार्यरत हैं। कुछ ही दिन पहले की बात है, रजनी अपने माता-पिता को तीर्थयात्री पर विदा करने के लिए गांव गई थी। फूल-माला पहनाकर उनका स्वागत किया था। अब वह अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रवाना हुई है।