12वीं के बाद गांव के बच्चे नहीं कर पाते हैं पढ़ाई
गौरतलब है कि ककरहटी संकुल के अंतर्गत दो हायर सेकेंडरी स्कूल, 3 हाई स्कूल व 14 माध्यमिक शाला माध्यमिक शाला है। विद्यालयों के सभी छात्र-छात्राओं का जीवन बारहवीं कक्षा के बाद अधिकतर छात्र-छात्राओं का भविष्य कॉलेज न होने के कारण पढ़ाई पूरी न होने के बगैर अंधकार में हो जा रहा है। गरीब परिवारों के छात्र छात्राओं को १२वीं के बाद की पढ़ाई करने के लिए उनकी पारिवारिक स्तिथि मजबूत न होने से अधर में छोडऩी पड़ जाती है।
गौरतलब है कि ककरहटी संकुल के अंतर्गत दो हायर सेकेंडरी स्कूल, 3 हाई स्कूल व 14 माध्यमिक शाला माध्यमिक शाला है। विद्यालयों के सभी छात्र-छात्राओं का जीवन बारहवीं कक्षा के बाद अधिकतर छात्र-छात्राओं का भविष्य कॉलेज न होने के कारण पढ़ाई पूरी न होने के बगैर अंधकार में हो जा रहा है। गरीब परिवारों के छात्र छात्राओं को १२वीं के बाद की पढ़ाई करने के लिए उनकी पारिवारिक स्तिथि मजबूत न होने से अधर में छोडऩी पड़ जाती है।
बेमानी साबित हो रहा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा
लगभग दर्जनभर पंचायतों के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए ककरहटी में कॉलेज खोला जाना अति आवश्यक है। बताया कि शासन-प्रशासन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ जैसे संकल्पों के साथ बेटियों के हितार्थ नाना तरह की योजनाएं चला रहा है। लेकिन ककरहटी में कॉलेज न होने से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ का संकल्प खोखला साबित हो रहा है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि अगले सत्र में डिग्री कॉलेज साइंस एवं आर्ट संकाय का कॉलेज स्वीकृत नहीं किया जाता है। तो अनिश्चित कालीन आमरण अनशन करेंगे।
लगभग दर्जनभर पंचायतों के छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए ककरहटी में कॉलेज खोला जाना अति आवश्यक है। बताया कि शासन-प्रशासन बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ जैसे संकल्पों के साथ बेटियों के हितार्थ नाना तरह की योजनाएं चला रहा है। लेकिन ककरहटी में कॉलेज न होने से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ का संकल्प खोखला साबित हो रहा है। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि अगले सत्र में डिग्री कॉलेज साइंस एवं आर्ट संकाय का कॉलेज स्वीकृत नहीं किया जाता है। तो अनिश्चित कालीन आमरण अनशन करेंगे।