मिढ़ासन के उद्गम स्थल का जलस्रोत पिछले 10 दिन से पूर्ण रूप बंद हो गया है। बड़ागांव निवासी गजेंद्र सिंह परमार एवं बुद्ध सिंह ने बताया कि मान्यता के अनुसार त्रेता युग में मिढ़ासन नदी का उद्गम स्थल अग्नि जिभ्या मुनि के आश्रम के पास है, तभी से नदी प्रवाहित होती चली आ रही है। नदी क्षेत्र में पानी का प्रमुख स्रोत।
10 दिन से पानी का नहीं हो रहा रिसाव बताया गया कि पिछले 10-12 दिन से यहां से पानी कर रिसाव कम हुआ है। महाशिवरात्रि पर भक्त स्नान, दान व पूजा-अर्चना करने पहुंचे तो उन्हें किसानों के बोरवेल से उद्गम स्थल में पानी भरना पड़ा। उद्गमस्थल के सूखने से मिढ़ासन नदी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। अगर मिढ़ासन नदी का अस्तित्व समाप्त हो गया तो लाखों लोगों सहित वन्य प्राणियों का जीवन संकट में पड़ जाएगा।
नदी पुनर्जीवित करने पूर्व सीएम ने लिया था संकल्प वर्ष 2010-11 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मिढ़ासन नदी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया था। इसके अंतर्गत ग्राम पंचायत गढ़ीपड़रिया में सभा का आयोजन कर मिढ़ासन नदी को पुनर्जीवित करने के लिए लगभग 2 करोड़ के वृंदावन बांध का शिलान्यास किया था।
मिढ़ासन नदी के आसपास करोडों की लागत से बुंदेलखंड पैकेज के माध्यम से बांधों का निर्माण तो कराया ही गया साथ में खेतों में मेड़ बंधान के लिए मनमाने पैसे खर्च किए गए, लेकिन व्यापक भ्रष्टाचार के चलते परिणाम सिफर ही रहा।