पेयजल समस्या की जानकारी लोगों ने कई बार नगर परिषद के जिम्मेदारों को दी फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ।
वार्ड में लगे हैंडपंपों से बीते एक सप्ताह से भी अधिक समय से पानी नहीं निकल रहा है। लोगों का कहना है कि पेयजल के लिए करीब तीन किमी. दूर टेढ़ी पाथर के प्राकृतिक झरने से पानी लाना पड़ता है।
वार्ड में लगे हैंडपंपों से बीते एक सप्ताह से भी अधिक समय से पानी नहीं निकल रहा है। लोगों का कहना है कि पेयजल के लिए करीब तीन किमी. दूर टेढ़ी पाथर के प्राकृतिक झरने से पानी लाना पड़ता है।
गर्म हवा दे रहे मोहल्ले के सभी हैंडपंप मोहल्ले में 2 हैंडपंप लगे हंै जिनमें लगभग 8-10 दिन से पानी नहीं निकल रहा है। इस समस्या की जानकारी परिषद को भी दी गई लेकिन आजतक समस्या का निदान नहीं किया गया। आदिवासी मोहल्ला बसहा एवं भटिया में 6-7 हैंडपंप हैं, जिनमें पानी नहीं निकल रहा है। बसहा व भटिया मोहल्ला के निवासियों के लिए तो मीलों तक पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। नगर परिषद समस्या की ओर ध्यान तक नहीं दे रही है।
सालों से अधूरी पड़ी ओपन पाइपलाइन नगर में पेयजल की व्यवस्था के लिए ओपन पाइप लाइन बिछाई जानी थी, लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों से स्वीकृत पेयजल की पाइप लाइन आज भी आधी अधूरी पड़ी है। इससे नगर के लोगों को इस पाइप लाइन का फायदा नहीं मिल पा रहा है। नवागत सीएमओ से भी नगर की समस्याओं को लेकर लोगों ने चर्चा की है। हालांकि इस संबंध में अभी तक काम आगे नहीं बढ़ पाया है। इससे पानी की समस्या यथावत बनी हुई है। जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
शोपीस बने नगर परिषद कार्यालय में खड़े पानी के टैंकर नगर परिषद में 8 टैंकर हैं। इन टैंकरों से जहां पानी की समस्या है वहां सप्लाई की जानी चाहिए, लेकिन अधिकांश टैंकर दिनभर खड़े रहकर कार्यालय की शोभा बढ़ाते रहते हैं। वार्ड एक के कई मोहल्लों में 8 दिन से पानी की समस्या है। इसकी जानकारी वार्ड पार्षद द्वारा परिषद में भी दी गई।
बावजूद आज तक परिषद की ओर से पेयजल की समस्या का निदान नहीं किया गया। वार्ड के लोगों का कहना है कि यदि टैंकरों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जाती तो समस्या इस हद तक गंभीर नहीं होने पाती। शौखीलाल आदिवासी का कहना है कि पार्षद और नगर परिषद अध्यक्ष को कई बार इस संबंध में जानकारी दी गई है। पर वहां हमारी कोई नहीं सुनता है।
हमारा दिन का एक टाइम तो पानी की व्यवस्था करने में ही चला जाता है। मजदूरी का नुकसान हो रहा है। पांच किमी दूर तक से पानी लाना पड़ता है। कट्टूबाई आदिवासी के अनुसार हैंडपंपों में कई दिनों से पानी नहीं आ रहा है। हम लोग टेढ़ी पाथर के झरने से पानी लेने जाते हैं। वहां का पानी भी दूषित है।
मजबूरी में पीना पड़ता है। आगामी गर्मी के दिनों में समस्या और भी अधिक हो सकती है। भटिया के लोग कई बार पार्षद को भी पानी समस्या की जानकारी दे चुके हैं। सरमन यादव के अनुसार पानी की समस्या को लेकर गई बार लिखित और मौखित शिकायत की गई है।
इसके बाद भी परिषद के लोग वार्ड के लोगों की समस्सा की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। पानी के संकट के कारण ग्रामीणों के मजदूरी का भी नुकसार हो रहा है। दो जून के रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ककरहटी अध्यक्ष नगर परिषद श्याम बिहारी कोरी का कहना है कि सभी हैंडपंपों को सुधरवाया जा रहा है।
हमारी सीएमओ से बात हुई है। कुछ मोहल्लों में अभी टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। समस्या ग्रस्त क्षेत्रों में शीघ्र ही टैंकर से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।