गौरतलब है कि जिले में बीते दो साल से औसत से कम वर्षा हो रही है। इस कारण एक ओर जहां खेती प्रभावित हो रही है वहीं दूसरी ओर जिले का अधिकांश हिस्सा जल संकट से जूझ रहा है। जिले की केन, मिढ़ासन, बाघिन और व्यारमा नदियों की दर्जनों स्थानों से धार टूट चुकी है। अमानगंज में तो हालात यह है कि नदी के आसपास रहने वालों ने मोटर पंप लगाकर पानी को बेच दिया है। अब नदी खाली हो गई है तो लोगों को झिरिया खोदकर काम चलाना पड़ रहा है।
नदी में मोटर पंप लगाकर दूसरे किसानों के खेतों की सिंचाई अमानगंज. मिढ़ासन नदी का बीते साल मिढ़ासन जीर्णोद्धार समिति गठित कर गहरीकरण कराया गया था, जिससे बारिश का पानी रुके, लेकिन नदी किनारे खेती करने वालों ने नदी में मोटर पंप लगाकर दूसरे किसानों के खेतों की सिंचाई करके मोटी रकम कमा रहे हैं। हालात यह है कि अब नदी में सिर्फ छोटे-छोटे गड्ढों के रूप में ही पानी बचा है। यह पानी अब पीने योग्य नहीं बचा है।
खेतों में बोरिंग, फिर भी लगा रखी मशीनें नदी किनारे खेती करने वाले किसानों में से अधिकांश ने अपने-अपने खेतों में बोरिंग करा रखी है। इसके बाद भी उन्होंने नदी में मशीनें लगा रखी हैं। जहां रात-दिन मोटर लगाकर नदी के पानी से दूसरे किसानों के खेतों की सिंचाई कर रहे हैं।
बोरी, पुरैना, आमा में नल जल योजनाएं बंद शाहनगर. शाहनगर जनपद में वर्तमान में 84 पंचायतों में नल जल से पानी की सप्लाई हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में महीनों से बंद नल जल योजनाएं चालू कराने संबंधी कलेक्टर के आदेश हवा हवाई साबित हो रहे हैं। पीएचई महकमा हैंडपंपों में जरूरत के मुताबिक राइजर पाइप उपलब्ध नहीं करा पा रहा है।
वर्तमान में लगभग 50 गांवों में पानी नहीं है। ग्रामीणों को पानी के लिए 2 से 3 किमी. लंबा सफर करना पड़ रहा है। बोरी में मौजूदा स्थिति यह है 5000 हजार की आबादी वाले गांव में 10 हैंडपंप हैं जिसमें सिर्फ दो चालू हैं। इसी तरह बोरी, पुरैना आमा में भी हालात हैं। सौखीलाल रजक, मिठाईलाल साहू, नन्दलाल, तुलसी, रामचरन साहू, गेंदाबाई, रामबाई ने बताया कि पानी की समस्या बोरी में ज्यों की त्यों बनी है।
ग्राम पंचायत बोरी के सचिव आनंद सिंह राठौर ने बताया, यह सही है कि पंचायत में पानी की समस्या है। हैंडपंप मैकेनिकों को पत्र दिया जा चुका है पर सुधार नहीं हो रहा है। एसडीओ शाहनगर उपखंड पवई एनके दुबे का कहना हे कि बोरी में बोरवेल नहीं हो पा रहे हैं। पानी का जल स्तर कम है। इसी तरह का मामला पुरैना का है।