इस साल नौतपा के शुरुआती दिनों में अच्छी गर्मी होने के बाद आये तूफान और बारिश ने नौतपा की हवा निकाल दी। इसके इस साल हालात यह है कि दिन के अधिकांश समय आसमान में बादलों का डेरा जमा रहता है। इससे तपन अधिक नहीं हो पा रही है। हालांकि दिन के अधिकांश समय सड़कों में लोगों की आवाजाही कम ही रहती है।
किसानों की बढ़ी चिंता
नौतपा को लेकर किसानों को बड़ी उम्मीदें रहती हैं। किसानों का कहना है कि नौतपा में तपन जितनी अधिक होती है बारिश के सीजन में मानसूनी बारिश भी उतनी ही अच्छी होती है। इस साल मानसून के तीसरे दिन चली हवाओं और उसके बाद हुई बारिश का असर नौतपा के अंतिम दिनों तक देखा जा रहा है। बारिश के बाद से दोपहर में धूप तो निकल रही है लेकिन उसमें तपन नहीं होती है। आठवें दिन सोमवार को दिनभर तो ध्ूाप रही पर शाम को तेज बूंदाबांदी हो गई। इससे आगामी मानसून को लेकर किसान चिंतित हैं। किसानों को आशंक जताने लगी है कि कहीं नौतपा के दौरान मौसम में आये बदलाव का असर मानसूनी बारिश में नहीं पड़े। नौतपा का समापन दो मई को हो जाएगा।