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बिना बिजली-पंप के एनएमडीसी ने झरने के पानी को गुरुत्वाकर्षण की शक्ति से गांव तक पहुंचाया

locationपन्नाPublished: Dec 12, 2019 03:17:52 pm

Submitted by:

Anil singh kushwah

तीन किमी. दूर बड़ौर तक पहुंचा झरने का पानी, ग्रामीणों को राहत

 The waterfalls of Maheshwara attract tourists

Without power pump, water of spring is gravity transported to village

पन्ना. एनएमडीसी की मझगवां हीरा खनन परियोजना द्वारा बगैर बिना और मोटर पंप के झरने के पानी को तीन किमी. दूर ग्राम बड़ौर तक पहुंचा दिया है। करीब 18 लाख रुपए की लागत वाली इस परियोजना में झरने के कुंड में सालभर भरे रहने पाले पानी को गुरुत्वाकर्षण बल की मदद से पाइप लाइन द्वारा गांव तक पहुंचाया है। इससे ग्रामीणों को इसके रखरखाव में किसी तरह का खर्च भी नहीं करना पड़ेगा और भीषण गर्मी के दिनों में भी उन्हें भरपूर पानी मिलता रहेगा। गौरतलब है कि ग्राम बडौर में करीब तीन किमी. दूर एक प्राकृतिक झरना है। इस झरने के कुंड में भीषण गर्मी के दिनों में भी पर्याप्त पानी भरा रहता है।
गर्मी में लोगों को नहीं झेलना पड़ेगा जल संकट
एनएमडीसी हीरा खनन परियोजना द्वारा कुंड में भरे इसी झरने के पानी को पाइप लाइन की सहायता से बगैर बिजली और बगैर मोटर पंप के गांव तक पहुंचा दिया है। इससे ग्राम पंचायत को अब सिर्फ यह देखना होगा कि कोई पाइप लाइन को क्षतिग्रस्त नहीं करे। पानी के लिए उन्हें मोटर पंप य बिजली बिल के लिए रुपए देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें अब भीषण गर्मी में भी भरपूर पानी मिलता रहेगा। गौरतलब है कि गर्मी के दिनों में यहां के लोग एक-एक बाल्टी पानी को परेशान होते हैं। ग्रामीणों की इसी समस्या को देखते हुए एनएमडीसी की हीरा खनन परियोजना मझगवां के प्रबंधन ने उक्त परियोजना पर काम किया है। इससे अब गांव के घर-घर में पानी पहुंचने लगा है।
परियोजना प्रबंधन ने किया लोकार्पण
परियोजना प्रबंधक राजीव शर्मा ने ग्राम बडौर का दौरा किया और बडौर ग्राम सरपंच रूप नारायण यादव की उपस्थिति में पेज जल आपूर्ति प्रणाली का लोकार्पण किया । इस अवसर पर परियोजना के उप महाप्रबंधक वाणिज्य डॉ. अनुराग चौबे, उप महाप्रबंधक सिविल एसआर डेहरिया, वरिष्ठ प्रबंधक कार्मिक भूपेश कुमार, श्रमिक संघ के समर बहादुर सिंह ,वीरेंद्र सिंह सहित ग्रामीण जन और विद्यार्थी उपस्थित थे।
ग्रामीणों को बांटे जूट के थैले
एनएमडीसी द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को पूर्णत: समाप्त करने के उद्देश्य से एनएमडीसी लिमिटेड हीरा खनन परियोजना द्वारा ग्रामीणजनों और विद्यार्थियों को जूट के थैले बांटे गए।

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