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पैरेंटिंग

बच्चे के साथ बहस न करें उसके साथ प्यार से पेश आएं

इस तरह के सवालों से अधिकतर अभिभावक परेशान हैं। मैं आपको सामान्य से सुझाव दूंगी। जब कोई बच्चा अभिभावक से बहस करता है तो मेरा सबसे पहला सवाल होता है कि कि इसका कारण क्या है?

Feb 07, 2019 / 09:48 pm

manish singh

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बच्चे के साथ बहस न करें उसके साथ प्यार से पेश आएं

सवाल: मेरा छह साल का बेटा है। जब उसे कुछ चाहिए होता है तो वे जिद्द करता है और काफी समझाने के बाद भी नहीं मानता है चाहे उसके लिए कोई भी कारण बता दिया जाए। मैं उसे समझाने की कोशिश करती हूं कि हम क्या और क्यों ऐसा कह रहे हैं तो वह बहस करने पर उतारू हो जाता है। इस वजह से मैं उसे कुछ भी कहना बंद कर देती हूं क्योंकि उसका जवाब मुझे पसंद नहीं आता है। आपके पास कोई ऐसा तरीका है जिससे इस समस्या का निदान हो सके?

जवाब: इस तरह के सवालों से अधिकतर अभिभावक परेशान हैं। मैं आपको सामान्य से सुझाव दूंगी। जब कोई बच्चा अभिभावक से बहस करता है तो मेरा सबसे पहला सवाल होता है कि कि इसका कारण क्या है? कहीं वह अकेला तो महसूस नहीं कर रहा है। जब बच्चा आपसे बहस करता है तब आप उससे ज्यादा बोलती हैं, इससे बच्चे को अपनी बात मजबूती से रखने की आजादी मिलती है। अब आपको करना क्या है ये सबसे जरूरी है। बच्चे पर दबाव न बनाएं। उसे थोड़ी आजादी दें इससे वह आपकी बात मानेगा और हां भी कहेगा क्योंकि बच्चे प्यार से मानते हैं। बच्चे के साथ खुशनुमा पल बिताएं। जो खेल उसे पसंद है, खेलें। अगर वह पढऩे, फिल्म, कार्टून देखने या बाहर घूमने का शौक रखता है तो उससे पूछें। आप हंसते हुए प्यार से पेश आएं। बच्चा बहस करना बंद कर देगा और समस्या का समाधान हो जाएगा।

अमरीकी टीचर मेघन लीह तीन बच्चों की मां और पैरेंट कोच हैं। अभिभावक उनसे बच्चों को लेकर समाधान पूछते हैं। ऐसा ही एक सवाल, वाशिंगटन पोस्ट से विशेष अनुबंध के तहत

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