बिहार में बना रहा था नेटवर्किंग
एजाज जाली नोटों के कारोबार के बहाने बिहार में नेटवर्किंग मजबूत करने में जुटा था। पकड़े जाने पर थोड़ी देर की पूछताछ में ही उसने जो खुलासे किए वे हिला देने वाले हैं। दाऊद और छोटा राजन जैसे अंडरवल्र्ड डॉन की शागिर्दगी में उसने जरायम की दुनिया बना रखी थी। नेपाल में उसने पोखरा और काठमांडू के अलावा बिहार के सीमावर्ती इलाकों में भी ठिकाने बना रखे थे। यहां से वह नकली नोटों की तस्करी में लगा था। वह अक्सर बिहार आता जाता रहा है।
नेपाल में था नेटवर्क
नेपाल में आईएसआई ने दाऊद के जरिए अपना नेटवर्क बना रखा है। इसके जरिए नकली नोटों की तस्करी और आतंकी गतिविधियों को चलाया जाता रहा। दाऊद का साथी नेपाल में नकली नोटों की तस्करी कर रहा था। वह सोने की तस्करी में भी लगा रहा है। वह आईएसआई के इशारे पर इस गतिविधि को चलाता रहा। पिछले साल ही काठमांडू एयरपोटज़् पर चार करोड़ के नकली नोट पकड़े गये थे। एजाज के मोबाइल पर दस करोड़ रंगदारी मांगने की कॉल का भी रिकॉर्ड मिला है।
एजाज़ की डायरी में है कई महत्वपूर्ण राज
एजाज की एक डायरी भी मुंबई पुलिस के हाथ लगी है। उसकी इस डायरी में कई राज दजऱ् हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो उसके कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक कनेक्शन भी हैं। डायरी में लिखी कुछ बातें नीले रंग की स्याही से अंडरलाइन की हुई है। उसने बताया कि वह इंटरनेट के जरिए बात कर पुलिस की पहुंच से दूरी बनाए रखता था। वह वाट्सऐप के कुछ ग्रुपों से भी जुड़ा रहा है। 2003 में बैंकॉक में दाऊद गिरोह के हमले में उसकी मौत की अफवाह उड़ी थी
मोबाइल में मिले कई अहम सबूत
एजाज ने पटना में महज़ थोडी देर की पूछताछ में ही कई अहम राज खोल दिए। उस पर पटना में कोई केस.नहीं है इसलिए कोर्ट में उसकी पेशी जरूरी नहीं थी। लेकिन मुंबई ले जाए जाने के पूर्व उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उससे किसी क़ानूनी मदद को पूछा तो उसने साफ मना कर दिया। वह फर्राटे से विदेशी लहजे में अंग्रेजी बोल रहा था। पूछताछ में उसने मुंबई क्राइम ब्रांच की पुलिस को थोड़ी देर में ही कई राज बता दिए। वह नेपाल के वीरगंज से भारत पहुंचा और छोटी गाड़ी लेकर पटना आया। यहां से वह दरभंगा जाने वाला था जहां दो युवक उसका इंतजार कर रहे थे। इन्हीं दोनों के घर पर एजाज रूकने वाला था। एक दिन के ठहराव में उसे जाली आधार काडग् बनवाना था। इस पर उसे फजीग् पासपोर्ट बनवाना था। उसके मोबाइल पर एक कॉल पूछताछ के दौरान आई जो 18 सेकेंड्स तक रिंग होने के बाद कट गई। कॉल के बारे में जब क्राइम ब्रांच के अफसरों ने पूछा तो उसने अपनी योजना का खुलासा किया। उसे कॉल करने वाला व्यक्ति दरभंगा के जाले का निवासी है। उसने बताया कि दरभंगा का वह लड़का निर्दोष है। उसका नंबर उसे नेपाल के एक मौलाना ने दिया था। यह भी बताया था कि नौकरी की लालच देकर उससे कई काम कराए जा सकते हैं। नेपाली कारोबारी भी अब पुलिस की राडार पर आ गया है। लेकिन वह बच निकला था।उसने पुलिस को यह जानकारी दी कि उसके पैर में स्टील का रॉड लगा हुआ है।
थाने में देखने उमड़ी पुलिसकर्मियों की भीड़
थाने में एजाज लकड़ावाला को देखने पुलिसकर्मियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। पहले कम लोगों को इसकी जानकारी थी क्योंकि ‘यू-एल ऑपरेशन नाम से गिरफ्तारी अभियान चलाने वाली टीम ने इसकी भनक औरों को नहीं लगने दी थी। यू एल यानी यूसुफ लकड़ावाला। पर जैसे ही पुलिसकर्मियों को इसके दाऊद का गुर्गा होने की जानकारी मिली कि सभी उसे देखने जुट गये। बाद में मुंबई पुलिस ने पुलिसकर्मियों को वहां से हटाया। पुलिस अब उसके पटना कनेक्शन की कुंडली खंगालने में जुट गई है।