52 लाख लूटे थे
राजधानी पटना में 22 जून को पीएनबी अनीसाबाद शाखा से 52 लाख से अधिक की डकैती पड़ी थी। नकाबपोश लुटेरों ने हथियारों की नोंक पर दिन-दहाड़े इस डकैती को अंजाम दिया था। सरेआम इतनी संगीन वारदात से बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। पुलिस के सामने बैंक लुटेरों को पकडऩे की जबरदस्त चुनौती थी। आखिरकार मेहनत रंग लाई और पुलिस ने सभी लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया।
बाइक पर आए थे लुटेरे
22 जून को हुई इस डकैती में हथियारबंद लुटेरों ने बैंक से 52 लाख 38 हजार रुपये लूटे थे। इनमें 52 लाख 33 हजार 500 रुपये बैंक के और 4 हजार 600 रुपये बेउर के ही एक ग्राहक कारोबारी नीतेश कुमार के थे। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी बदमाश अलग-अलग बाइक पर सवार होकर भाग निकले। बैंक में हुई डकैती की घटना को गंभीरता से लेते हुए आईजी रेंज संजय सिंह ने एसआईटी गठित की। इन लुटेरों की धरपकड़ की जिम्मेदारी सिटी एसपी वेस्ट अशोक मिश्रा को दी गई।
अब खुद का भविष्य जेल में
इन लुटेरों का सरगना कोचिंग का संचालक है, जोंकि दूसरों का भविष्य बनाता है और अपना भविष्य उसने अपराधों में पाया। अब आखिरकार भविष्य का यह मुकाम उसे जेल की सलाखों तक ले आया। इस वारदात का खुलासा करते हुए पटना के एसएसपी ने बताया कि 27 जून को ही हमारी टीम को अहम सुराग मिल गया था। इस बैंक डकैती को सुलझाने के लिए 21 सदस्यीय टीम बनाई गई। 13 सिपाहियों और नौ अफसरों ने दिन रात छापेमारी की।
कोचिंग संचालक सरगना
पटना के एसएसपी ने बताया कि 27 जून को ही हमारी टीम को अहम सुराग मिल गया था। इस बैंक डकैती को सुलझाने के लिए 21 सदस्यीय टीम बनाई गई। 13 सिपाहियों और नौ अफसरों ने दिन रात छापेमारी की। हमारी टीम ने 33 लाख 13 हजार रुपये बरामद किये हैं। इस गिरोह का सरगना अमन कुमार जक्कनपुर इलाके का रहने वाला है और कोचिंग इंस्टीट्यूट चलाता है।
10 साल से लुटपाट
पूछताछ में एक लुटेरे ने बताया कि डकैती के रुपयों से उसने शराब खरीद ली थी। पुलिस ने शराब को भी बरामद कर लिया है। इसके अलावा घटना में इस्तेमाल की गई पल्सर बाइक को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस ने इनके पास से हथियार भी बरामद किए हैं। गिरफ्तार किये गये सभी अपराधी स्थानीय बताये जा रहे हैं। पिछले दस सालों से ये पटना में लूट पाट की घटना को अंजाम दे रहे थे लेकिन आज तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाए थे।