मिली जानकारी के अनुसार बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के साथ ही प्रदेश नेतृत्व के शीर्ष नेता पार्टी कार्यालय में पार्टी की प्रचार समिति की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। पूर्व सांसद निखिल कुमार के समर्थक यहां पहले से ही मौजूद थे। इन कार्यकर्ताओं ने नेताओं को यह कहते हुए मीटिंग में जाने से रोका कि ‘किस बात की मीटिंग।’ ऐसा कहते हुए कार्यकर्ता वीडियो में साफ दिखाई दे सकते है। निखिल कुमार के समर्थकों ने शीर्ष नेताओं का रास्ता रोका तो माहौल गरमा गया। बवाल कर रहे कार्यकर्ताओं ने प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के साथ धक्का—मुक्की भी की। वहां मौजूद बाकी नेताओं ने गोहिल के चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाकर उनका बचाव किया। खुद निखिल कुमार ने कार्यकर्ताओं को शांत कराने की कोशिश लेकिन वह नाकाम रहे। इस घटना को लेकर प्रदेश कांग्रेस की कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के मद्येनजर बिहार महागठबंधन में सीट का बंटवारा पहले ही तय किया जा चुका है। सीट शेयरिंग के तहत आरजेडी को 20, कांग्रेस को 9, रालोसपा को 5, हम को 3 और मुकेश सहनी की वीआईपी को तीन सीटें दी गई है। हम को गया, औरंगाबाद और नालंदा सीटें दी गई है। जीतन राम मांझी खुद गया सीट से चुनावी मैदान में है। औरंगाबाद से उपेंद्र प्रसाद और नीतीश कुमार के गृहक्षेत्र नालंदा से अशोक चंद्रवंशी को प्रत्याशी बनाया गया है।
औरंगाबाद सीट बनी कलह की वजह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार ने औरंगाबाद सीट से 2004 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडा था। निखिल कुमार को चुनाव में विजय हासिल हुई। इसके बाद हुए जदयू के सुशील कुमार सिंह यहां से चुने गए। सुशील कुमार सिंह ने 2014 में बीजेपी के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा और विजयी रहे।