हवन करते हुए जले हाथ
बाढ़ के भयानक होते हालात के बीच स्वयंसेवी संस्थाओं व बचाव दल के लोग यहां मौके पर मदद कर हैं। एेसे में बचाव दलों को राहत देने की बजाव पटना जिला प्रशासन लोगों को परेशान करने में जुटा है। मिली जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन बाढ़ राहत कार्य में जुटी संस्थाओं व संगठनों द्वारा काम लिए जा रहे वाहनों के चालान काट रहा है। संस्थाएं मिन्नत कर रहे हैं, लोगों को बचाने की दुहाई दे रहे हैं लेकिन प्रशासन किसी की नहीं सुन रहा है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन की टीम नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत चेकिंग में पकड़कर जुर्माना वसूल रहा है। प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों में नाराजगी बढऩे लगी है तो कुछ लोगों ने इसकी शिकायत का भी दम भरा है। बताया जा रहा है कि बुधवार को जिला प्रशासन की टीम ने कई जगह चालान किए जिसमें स्वयंसेवी संस्थाओं व संगठन के लोग जो बाढ़ राहत में जुटे थे उनके वाहनों के भी चालान काटे गए हैं।
बाढ़ के पानी से नहीं मिल रही राहत
राजधानी पटना के जल जमाव वाले इलाकों में पानी निकालने के लिए छत्तीसगढ़ से पांच पंप मंगाए गये हैं। राहत और बचाव कार्य में सरकारी तंत्र के अलावा स्वयंसेवी संगठन भी उतर गये हैं। पटना में जल जमाव वाले क्षेत्रों में भाजपा के मंत्री तो नदारद दिखे जबकि प्रशासन के लोग फोटो खिंचवाने में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते जरूर दिखाई दिए हैं। समस्याओं को लेकर लालू राबड़ी सरकार के दौरान अक्सर धरना प्रदर्शन करने वाले भाजपाई अभी सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री हैं लेकिन जल जमाव के बीच गायब हैं। जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजेंद्रनगर के जलजमाव वाले क्षेत्रों में अधिकारियों के साथ हालात का जायजा लेने निकले।
बचाव के बीच सियासत भी हुई तेज
इधर पटना में जल जमाव को लेकर सियासत भी तेजी से गरमा गई। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पहले अपना आक्रोश सरकार पर निकाला। मुख्यमंत्री की तीखी प्रतिक्रिया आने के साथ ही सिंह नरम पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा से निबटने में शिद्दत से जुटी है। उपमुख्यमंत्री के पानी में फंसे होने और फिर लोगों को राहत पहुंचाने जुट जाने पर उन्होंने फिर बयान दिए। राजधानी समेत कई इलाकों में फिर से बारिश के पूर्वानुमान से इस बीच लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।