बाद में सांप काटने वाले स्थान पर गये तो देखा कि कोबर मरा पड़ा है। वह केंचुल से बाहर निकल कर वहीं ढेर हो गया था। काट लेने के बाद सुबोध सिंह के सकुशल रहने और कोबरा के ही मर जाने के बारे में प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी हरेंद्र प्रसाद साहु ने बताया, पीडि़त सुबोध सिंह ने काटने वाली जगह को पूरी ताकत से बांध दिया था। यह अच्छा किया। दूसरा कि केंचुल छोडऩे के दौरान सांप दर्द से परेशान रहता है। इस दर्मियान यदि सांप काट लेता है तो परेशानी में अधिक जहर उसके मुंह में ही रह जाता है। इससे उसकी मौत हो जाती है।
उन्होंने कहा कि सुबोध सिह को काटने वाला कोबरा केंचुल छोड़.रहा था। केंचुल मौके पर ही मौजूद देखा गया।