एनडीए ने सीट शेयरिंग में छह सीटें लोजपा को देकर जदयू के साथ सत्रह-सत्रह का गठबंधन बनाया हुआ है। इनमें जिन 19 सीटों पर अब तक मतदान हुए उनमें भाजपा की मात्र पांच सीटें ही हैं। भाजपा इनमें बेहतर प्रदर्शन करने से उत्साहित तो है पर सहयोगी दलों खासकर लोजपा के प्रदर्शन से परेशान है। लोजपा के जमुई, नवादा,खगड़िया और समस्तीपुर में प्रदर्शन से भाजपा में चिंताएं बढ़ी हैं। वैशाली और हाजीपुर जैसी दो सीटों पर रामविलास पासवान की पार्टी के प्रत्याशियों के प्रति क्षेत्रीय मतदाताओं में आकर्षण की कमी से भाजपा की चिंताएं और बढ़ती जा रही हैं।
दूसरी ओर जदयू नेता नीतीश कुमार को लेकर गठबंधन का परिवेश भाजपा को सिहरा देने वाला है। 17-17 सीटों पर जदयू के साथ गठबंधन में भाजपा ने उदारता दिखाते हुए गया, गोपालगंज, बांका, भागलपुर, सीवान और कटिहार,पूर्णियां सरीखी सीटें जदयू की जिद पूरी करते हुए उसे सौंप तो दीं लेकिन इनमें से अधिकांश पर वह मुश्किलों में घिरी हुई है। नीतीश कुमार मन से या बेमन से जैसे भी भाजपा के साथ हों पर उनके रुख भी भाजपाइयों को बहुत उत्साहवर्धित नहीं कर पा रहा। भाजपा समर्थक खुलकर बोलने भी लगे हैं कि पार्टी यदि अकेले मैदान में उतरती तो बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी। ताज़ा उदाहरण दरभंगा का है जहां एनडीए की सभा में प्रधानमंत्री मंच से भारत माता की जय और वंदे मातरम् के नारे लगवाते रहे और नीतीश कुमार बैठे रहे। लोगों के खड़े हो जाने के सबसे बाद वह खड़े होकर मजबूरी में हाथ उठाते नज़र आए।भाजपा के एक समर्थक के ट्वीट पर इसे लेकर अभी खूब चर्चाएं हो रही हैं। चार चरणों में जदयू ने भाजपा की अपनी कई परंपरागत सीटें लेकर प्रत्याशी उतारे पर वह महागठबंधन के तीखे मुकाबले में घिरी हुई है। ये सीटें हैं कटिहार,पूर्णियां, भागलपुर, बांका और किशनगंज।
इन सब के बीच भाजपा की चिंताएं बढ़ी हैं। आने वाले चरणों में लिहाज़ा भाजपा और दम दिखाने जा रही है। कई स्टार प्रचारकों को उतारा जा रहा है। भाजपाध्यक्ष अमित शाह खुद कई दिनों तक बिहार में कैंप कर सघन प्रचार अभियान चलाएंगे। वह छह मई को पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र के दानापुर में जनसभा करेंगे। रात में वह भाजपा नेताओं के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। पांचवे चरण का मतदान संफन्न हो जाने के बाद वह एनडीए नेताओं के साथ विमर्श करेंगे। सात मई को शिह भाजपा कोटे की मोतिहारी, बेतिया और सीवान में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। इसके चार दिनों बाद पटना वापस आकर वह 11 मई को पटना में पहला रोड शो करेंगे।इसरोड शो का पाटलिपुत्र और पटना साहिब क्षेत्रों में व्यापक असर हो सकता है।दोनों सीटों पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद चुनाव लड़ रहे हैं।