जानकारी के मुताबिक इनमें अधिकांश किसान और उनके परिजन थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार किउल नदी ( Kiul River ) के बीच जाकर नाव तेज धार में पलट गई। तैरना जानने वाले तैरकर किनारे निकल गए। इस दौरान नाव में मौजूद बच्चे और महिलाएं डूबने लग गईं। उनका शोर शराबा सुनकर स्थानीय लोग मदद के लिए उनकी ओर दौड़े और उनमे से कुछ स्थानीय तैराकों ने डूबती महिलाओं और बच्चों को नदी से सुरक्षित बाहर निकाला। हालांकि इसके बावजूद हादसे में 5 लोग डूब गए। इनमें 2 के शव गोताखोरों ने नदी से बाहर निकाल लिया।
स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच कर लापता लोगों की तलाश में जुटा है। गोताखोरों की मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि बिहार में बारिश के कारण उफनाई नदियों में हर साल नाव हादसे होते आ रहे हैं , जिनमें नावों के डूबने के चलते अनेक निर्दोषों की जान चली जाती है। सरकार ने नावों के परिचालन और सवारी के मापदंड तय कर रखे हैं। फिर भी लोगों की लापरवाही और नासमझी से अक्सर नाव हादसे होते आ रहे हैं, जिनमें लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। मकर संक्रांति पर 14 जनवरी 2017 को पटना की गंगा नदी में हुए नाव हादसे में 25 जानें चली गई थीं।