script‘भगवानों’ को हो रहे भारी घाटे की सुध नहीं ले रहे केन्द्र और राज्य | Center and states are not taking care of the huge losses to God | Patrika News

‘भगवानों’ को हो रहे भारी घाटे की सुध नहीं ले रहे केन्द्र और राज्य

locationपटनाPublished: May 24, 2020 05:55:41 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

(Bihar News ) कोरोना ( Corona ) वायरस को लेकर लागू किए लॉक डाउन (Lock down ) से देश के उद्योग-धंधें ही चौपट नहीं हुए बल्कि इसका असर ‘भगवानों’ को होने ( Heavy losses of Gods ) वाली आमदनी पर पड़ा है। यदि देश भर में मंदिरों में विराजे भगवानों को हुए आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया जाए तो अरबों रुपयों में बैठेगा।
 
 
 
 

'भगवानों' को हो रहे भारी घाटे की सुध नहीं ले रहे केन्द्र और राज्य

‘भगवानों’ को हो रहे भारी घाटे की सुध नहीं ले रहे केन्द्र और राज्य

पटना(बिहार)प्रियरंजन भारती: (Bihar News ) कोरोना ( Corona ) वायरस को लेकर लागू किए लॉक डाउन (Lock down ) से देश के उद्योग-धंधें ही चौपट नहीं हुए बल्कि इसका असर ‘भगवानों’ को होने ( Heavy losses of Gods ) वाली आमदनी पर पड़ा है। भगवान भी इससे अछूते नहीं रह सके। असर इसलिए पड़ा कि जब भक्त ही नहीं आएंगे तो भगवानों को चढ़ावा कहां से आएगा। ऐसे में भगवानों को भारी घाटा झेलना पड़ रहा है। यदि देश भर में मंदिरों में विराजे भगवानों को हुए आर्थिक नुकसान का अनुमान लगाया जाए तो अरबों रुपयों में बैठेगा।

4 करोड़ का नुकसान

इस तरह का भारी आर्थिक नुकसान पटना के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर को उठाना पड़ा है। इस मंदिर को अब तक लगभग चार करोड़ का नुकसान हो चुका है। अभी भी काफी हद तक लॉक डाउन लागू होने और कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे से आगे दिनों में भी हनुमान जी की कमाई की शुरुआत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। लॉक डाउन से हनुमान जी की सारी कमाई चौपट हो गई। केन्द्र हो या राज्यों की सरकारें, किसी ने अभी भगवानों को हो रहे घाटे की सुध नहीं ली है।

हर माह हो रहा दो करोड़ का नुकसान

पटना हनुमान मंदिर को इस दौरान भक्तों के नहीं आ पाने से भारी कमी महसूस हो रही है। महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व चचिज़्त आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि अप्रैल से चार महीनों तक शादी ब्याह के लग्न शुरु होने के बाद मंदिर की कमाई बढ़ जाती है। मगर लॉकडाउन के चलते मंदिर बंद है और भक्तों की आवाजाही रुकी हुई है। इस दौरान मंदिर को हर माह दो करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। आचार्य कुणाल के मुताबिक लॉकडाउन में मंदिर की आमदनी शून्य है और बैंक खाते में रकम नहीं जमा हो रही। इस अंतराल में मंदिर ट्रस्ट को लगभग आठ करोड़ का नुकसान हो चुका है।

नैवेद्यम की एक करोड़ की मासिक आय गई

हनुमान मंदिर में तिरुपति शैली में बनाए जा रहे नैवेद्यम की बिक्री से ही मंदिर को हर माह करीब एक करोड़ की आमदनी होती आ रही है। मंदिर के बंद होने से यह पूरी तरह ठप पड़ा है। इसमें काम कर रहे कारीगर भी अभी बेरोजगारी के दिन काट रहे हैं। मंदिर में भोग के साथ फूल मालाओं और पूजा अनुष्ठान के अलावा शादी, मुंडन, रुद्राभिषेक आदि से हो रही आमदनी भी पूरी तरह बंद है।

मंदिर ट्रस्ट से कई चैरिटेबल संस्थान संचालित

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर से हो रही आमदनी को चैरिटेबल संस्थाएं संचालित । महावीर आरोग्यम संस्थान, महावीर कैंसर हॉस्पिटल, महावीर नेत्रालय तथा हृदय रोग संस्थान संचालित है। ये हॉस्पिटल ऐसे हैं जहां की आमदनी महावीर मंदिर ट्रस्ट लेता नहीं है। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि ट्रस्ट मंदिर को देता है, लेता कुछ भी नहीं। महावीर वात्सल्य में बच्चों के जन्मजात हृदय छिद्र का मुफ्त कॉपरेशन और इलाज किया जाता है। इन अस्पतालों की खुद की आमदनी इतनी हो गई है कि अब ट्रस्ट को जतन नहीं करने पड़ते।

भक्तों की आस्था पर भारी पड़ी बंदी

भक्त हर दिन मंदिर में प्राचीन हनुमान जी के कामनापूरन और दुखहरण दोनों विग्रहों का दर्शन पूजन कर ही अन्न ग्रहण करते आए हैं। हजारों भक्त हर दिन और मंगलवार को पचास हजार से अधिक लोग दर्शन पूजन के लिए आते रहे हैं। बंदी में सभी मन ही मन प्रणाम करने पर मजबूर हो गए हैं। लॉकडाउन का खामियाजा परोक्ष तौर पर मंदिर आने वाले भक्तों से जुड़े पास रहने वाले भिखारियों पर भी पड़ा है। इनकी आय भी भगवान से जुड़ी हुई थी। अब इनकों समाजसेवी संस्थाओं की ओर से और सरकारी साधनों से जैसे-तैसे सिर्फ भोजन का ही सहारा मिल रहा है, पर हनुमान जी के भक्तों की आस्था की भूख जब की तस बनी हुई है।

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