scriptप्रशांत किशोर के जदयू में आने पर सियासी गर्मी बढ़ी | change in bihar politics after prashant kishor joined jd-u | Patrika News

प्रशांत किशोर के जदयू में आने पर सियासी गर्मी बढ़ी

locationपटनाPublished: Sep 17, 2018 05:43:02 pm

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Prateek

प्रशांत किशोर ने चुनाव के दौरान ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’ नारा देकर सुर्खियां हासिल की थीं…

prashant kishore in jd-u file photo

prashant kishore in jd-u file photo

प्रियरंजन भारती की रिपोर्ट…

(पटना): बिहार विधानसभा चुनावों में आरजेडी और कांग्रेस के साथ जदयू का महागठबंधन बनाकर भाजपा को शिकस्त देते हुए नीतीश कुमार की पुनः ताजपोशी के सूत्रधार माने जाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जदयू में इंट्री के साथ बिहार की राजनीति में गरमाहट आ गई है। प्रशांत किशोर ने चुनाव के दौरान ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’ नारा देकर सुर्खियां हासिल की थीं। किशोर की जदयू में एंट्री के दूसरे ही दिन सोमवार को नीतीश कुमार तीन दिनों की यात्रा पर नई दिल्ली रवाना हो गए। सूत्रों के अनुसार वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मुलाकात करने वाले हैं। रविवार को सीएम ने कहा था कि एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार है। समय पर इसकी घोषणा कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि नीतीश अमित शाह से मिलकर सीट शेयरिंग को अंतिम रुप देने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के भी संकेत दिए थे। सूबे में अभी मंत्रियों के कई पद खाली हैं। राज्य में संख्याबल के हिसाब से 36 मंत्री बनेंगे, जबकि अभी जदयू के पंद्रह और भाजपा के बारह मंत्री हैं।


प्रशांत किशोर को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर

प्रशांत किशोर के जदयू में शामिल होने से जदयू में तो खुशी का आलम है, पर भाजपा इसे लेकर उत्साहित नहीं नज़र आ रही। जबकि आरजेडी और कांग्रेस ने सधी हुई भाषा में कहा कि कितने भी किशोर आ जाएं नीतीश कुमार का फिर जीत पाना मुमकिन नहीं है। गौरतलब है कि 2014 के आम चुनाव में प्रशांत किशोर ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए हाईटेक चुनाव प्रचार को ज़मीन पर उतारा। अपनी टीम के साथ सेंटर फॉर अकाउंटेबल गवर्नमेंट बनाकर प्रचार को लोकप्रिय बनाने के कई टिप्स अपनाए। मोदी की चाय पर चर्चा प्रशांत किशोर की ही देन है, लेकिन चुनाव बाद मोदी के सत्ता में आने पर अमित शाह से प्रशांत किशोर की नहीं पटी और अंततः उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। 2015 के चुनाव में इन्होंने नीतीश कुमार की ताजपोशी के लिए काम किया। नीतीश की पुनः ताजपोशी के साथ ही प्रशांत उनके दिल में खास तौर से बस गए।

 

प्रशांत किशोर लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में

पंजाब तथा अन्य जगहों पर चुनाव में कांग्रेस के लिए काम कर चुके प्रशांत किशोर की जदयू में एंट्री नीतीश कुमार की रणनीतिक चाल कही जा रही है। वह पहले ही से भाजपा पर दबाव बनाए रखने की रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं। 20 सीटों की मांग रखकर नीतीश ने यही संकेत दिए थे। अब भाजपा भाजपा से बिगड़ैल रिश्ते वाले प्रशांत किशोर को लाकर नीतीश ने एक और चाल चल दी है। प्रशांत किशोर बक्सर से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त कर चुके बताए जाते हैं। बक्सर उनका गृहक्षेत्र है। यह सीट भाजपा की है और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे यहां से चुनाव जीते हैं। ऐसे में जदयू के हिस्से में यह सीट दिया जाना सीधे सरल नहीं जान पड़ता है। हालांकि प्रदेश जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि प्रशांत किशोर ने कोई इच्छा नहीं ज़ाहिर की है। सीट बंटवारे को लेकर सतही तौर पर एकता की बातें भले नेता कर लें पर जानकार बताते हैं कि एनडीए में अंदरखाने कई पेंच हैं और कई दिग्गज नाराज़ हैं। ऐसे में किशोर की जदयू में एंट्री के कालांतर में कई मायने निकल आ सकते हैं।

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