हुआ यूं कि तेजप्रताप गुरुवार को साइकिल की सवारी करने निकल पड़े। उन्होंने देखते ही देखते साइकिल की स्पीड बढ़ाई और फर्राटे भरने लग गए। लेकिन वह साइकिल पर संतुलन नहीं बनाए रख सके। उन्होंने कुछ ही दूरी पर जाकर सुरक्षाकर्मियों की वैन में पीछे से टक्कर मार दी। इसके बाद वह नीचे आ पड़े। हीरो आखिर हीरो ही होता है। इसलिए वह सुरक्षाकर्मियों के संभालने पर उठे और फिर डायलॉग मारना शुरु कर दिया। उन्होंने कहा कि सैनिक गिरता है,फिर उठता है,लड़ता और जंग जीत लेता है। इस दुर्घटना में उनके हाथ में चोट लगी और खून भी निकल आया था।
तेज प्रताप यादव गिरने और चोट लगने की परवाह किए बिना मुस्कराए और बोले, साइकिल चलाने से देह फिट रहती है। देेेेश मेें पेट्रोल के दाम बहुत बढ़ गए हैं। इसलिए साइकिल चलाना ही बेहतर है। तेज प्रताप ने कहा कि बिहार में कानून का राज नहीं रह गया है। अब हम साइकिल चलाकर यहां के लोगों का समर्थन जुटाएंगे। उनका नारा है,एनडीए हटाओ-बेटी बचाओ। इसी 28 तारीख को उनके छोटे भाई और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी साइकिल यात्रा पर निकलने वाले हैं। उन्होंने इस साइकिल यात्रा में युवाओं का इसमें खुलकर समर्थन मांगा है।