एनआरसी-सीएए पर हंगामा
बजट सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी आरजेडी सदस्य सीएए, एनपीआर, एनआरसी कानून वापस लेने को लेकर हंगामा करने लग गये। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एनपीआर को काला कानून तक कह डाला।भाजपा सदस्यों के साथ नोंकझोंक में मारपीट की नौबत बन आई। तेजस्वी यादव ने सदन से बाहर आने के बाद भाजपा सदस्यों पर गुंडागर्दी करने के आरोप लगाए। उन्होंने नीतीश कुमार पर भी जनता को गुमराह करने के आरोप मढ़े।
मुख्यमंत्री ने दिया प्रश्नों का उत्तर
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु होने फर मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सभी प्रश्नों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एनपीआर पर राज्य सरकार केंद्र को पत्र भेज चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में एनआरसी-एनपीआर का माहौल बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने सीएए के सभी दस्तावेज देखे हैं। यह तीन देशों के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हंै और यह केंद्र का कानून है। उन्होंने कहा कि ये सही है या गलत ,अब तो सुप्रीम कोर्ट तय करेगा। उन्होंने कहा कि एनपीआर पर विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर केंद्र को भेजा जाएगा कि यह 2010 के पर ही तैयार हो।
सीएए कांग्रेस लाई थी
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे भी यह नहीं पता कि मेरी मां का जन्म कब हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन मुद्दों पर किसी भ्रम की गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए। सीएए तो वर्ष 2003 में कांग्रेस ही लेकर आई और 2004 में यह नोटिफाई हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्यसभा में इसका समर्थन किया था। उस कमेटी में लालू यादव और कपिल सिब्बल भी रहे हैं।
नीतिश से मिले तेजस्वी
इससे पूर्व इस मुद्दे पर सदन में हंगामे के बाद मुख्यमंत्री से विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अब्दुल बारी सिद्दीकी और अवधेश सिंह को लेकर मुलाकात की थी। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से यह मांग की थी कि सीएए में मुसलमानों को भी शामिल किया जाए।