कटिहार, दरभंगा और मधुबनी का लिया जायजा
बिहार में बाढ़ से नुकसान का जायजा लेने आई सात सदस्यों वाली केन्द्रीय टीम ने माना कि सूबे में बाढ़ से भारी क्षति हुई है। टीम का यह भी कहना है कि नुकसान के एवज में राज्य सरकार ने कम सहायता राशि मांगी है। कटिहार, दरभंगा और मधुबनी का जायजा लेने के बाद दिल्ली लौटने से पूर्व केन्द्रीय टीम ने बिहार के अधिकारियों के साथ बैठक की। टीम ने नुकसान से जुड़े और आंकड़ों की मांग की है। बताया गया कि आपदा प्रबंधन विभाग (DISASTER MANAGEMENT DEPARTMENT) (DMD) नए आंकड़ों के साथ मंगलवार को फिर से ज्ञापन सौंपेगा। अनुमान है कि इस बार मांगी गई 2700 करोड़ से अधिक सहायता की मांग की जा सकती है।
बिहार में बाढ़ ने बढ़ा दी बर्बादी
तबाही का जायजा लेने गृह मंत्रालय के एनडीएमए (NATIONAL DISASTER MANAGEMENT AUTHORITY) के संयुक्त सचिव रमेश कुमार के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम 28 अगस्त को ही बिहार आई थी। टीम ने 31 अगस्त तक बाढ़ प्रभावित तीन जिलों का सर्वे करने के बाद राज्य के अधिकारियों के साथ बैठक की। टीम की बैठक दर्जन भर विभागों के साथ हुई। टीम ने कहा कि बाढ़ से भारी तबाही हुई है। प्रखंड वार क्षति का ब्योरा मांगा गया है। जिन इलाकों में सड़कें टूटीं उनकी लम्बाई, जहां नदियों से गाद जमा हो गए, उनका ब्योरा साथ देने को कहा गया है।
सकारात्मक रहा दौरा-आपदा प्रबन्धन विभाग
केन्द्रीय टीम के बिहार दौरे को आपदा प्रबंधन विभाग ने सकारात्मक बताया है। विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि टीम ने बिहार में हुई तबाही को माना है। उन्होंने कहा कि आरम्भिक आंकड़ों के साथ ज्ञापन सौंपा था। संशोधित आंकड़ों के साथ मंगलवार तक ज्ञापन सौंप दिया जाएगा।
छह-छह हजार रुपए प्रभावितों के खातों में
गौरतलब है कि बिहार में बाढ़ से नुकसान की सहायता में केन्द्र से 2700करोड़ की राशि मांगी थी। बाढ़ से हताहत हुए लोगों के परिजनों के खाते में छह-छह हजार रुपए जमा किए जा रहे हैं। अब तक 22.90 लाख परिवारों के खाते में 1374 करोड़ दिए गए हैं। अभी दो लाख और परिवारों के खाते में यह राशि मिलने का अनुमान है। आपदा प्रबंधन विभाग ने इस मद में 1555 करोड़ की मांग की है। कृषि विभाग ने 354करोड़, जल संसाधन विभाग ने 306करोड़, पथ निर्माण ने 342 करोड़, ग्रामीण कार्य ने 18 करोड़ तथा ऊर्जा विभाग ने 15 करोड़ रुपए की मांग कर रखी है।