(पटना): महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर मची रार को सुलझाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के प्रस्ताव पर सभी घटक दलों की एक समन्वय समिति का गठन करना तय किया गया है। इसकी औपचारिक घोषणा अभी बाकी है पर आरजेडी सूत्रों ने बताया कि समिति में आरजेडी, कांग्रेस के दो दो सदस्य और अन्य दलों का एक एक सदस्य शामिल होगा।
सभी घटक दलों की मांग पर रार
आरजेडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनडीए के सीट बंटवारे का इंतजार किया जा रहा था। उपेंद्र कुशवाहा के महागठबंधन में आने की संभावनाएं क्षीण हो जाने के साथ ही घटक दलों ने सीट शेयरिंग पर दबाव बढ़ाना शुरु कर दिया। माना यह जा रहा था कि कुशवाहा महागठबंधन में शामिल हुए तो उनको पांच छः सीटें दी जा सकती हैं। लेकिन कुशवाहा के रुख ने आरजेडी को लगभग निराश कर दिया है। अब जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव और शरद यादव की पार्टी का सीटें अधिक झटकने का दबाव बढ़ना शुरु हो गया। वाम दल अपने खातों में अलग से कई सीटें डालने का दबाव बना रहे हैं।
लालू ही तय करेंगे सीट शेयरिंग फॉर्मूला
आरजेडी के एक नेता की मानें तो समन्वय समिति का गठन अपनी जगह है मगर फॉर्मूला
तो आरजेडी सुप्रीमो ही तय करने वाले हैं। सुप्रीमो यानी लालू यादव। यादव अभी चारा घोटाले मामले में रांची होटवार जेल से रिम्स में इलाजरत हैं। बताया जा रहा कि तेजस्वी यादव कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निरंतर संपर्क में हैं और सीट शेयरिंग में कांग्रेस की दावेदारी की सीधे अनदेखी कर पाना अभी के हालात में उनके लिए आसान नहीं होगा।
कांग्रेस की दस से अधिक सीटों पर दावेदारी
जानकार बताते हैं कि आरजेडी कम से कम बीस सीटों पर चुनाव लड़ेगी। शेष बीस सीटों में सहयोगी दलों की साझेदारी संभव की जाएगी। सहयोगी दल कांग्रेस की दावेदारी दस से बारह सीटों की है। एनसीपी से आए तारीक अनवर और पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन के साथ स्वयं पप्पू यादव भी कांग्रेस खेमे के दावेदारों में हैं। लिहाजा दस सीटें कांग्रेस को देने पर सहमति बन सकती है। वाम दलों में भाकपा माले ,सीपीआई,सीपीएम को चार से पांच सीटों तक समेटा जा सकता है।इधर जीतन राम मांझी और शरद यादव के सेक्युलर जनता दल की मांग भी कम नहीं है।सूत्रों ने बताया कि इन दोनों घटक दलों को एक से दो सीटों पर राजु किया जा सकता है।सीट शेयरिंग फॉर्मूले को तय होने में अभी सप्ताह भर की देरी मानी जा रही है। दीपावली बाद इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि निर्णायक फॉर्मूले में आरजेडी और कांग्रेस की सीट संख्या में बढ़ोत्तरी अपेक्षित है।