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गंगाजल से बिहार के खेतों में लहलहाएगी हरियाली

locationपटनाPublished: Aug 13, 2019 06:23:17 pm

Submitted by:

Navneet Sharma

Ganga in Bihar: गंगा को धरती पर भगीरथ ने शिव की जटाओं से बड़ी शिद्दत से उतारा होगा। कलियुग में सूखाग्रस्त दक्षिण बिहार के चार जिलों में सिंचाई के लिए जल संसाधन विभाग इसकी धाराओं को लाने जा रहा है।
 

गंगाजल से बिहार के खेतों में लहलहाएगी हरियाली

गंगाजल से बिहार के खेतों में लहलहाएगी हरियाली

नालंदा,प्रियरंजन भारती. नालंदा(Nalanda) गया(Gaya) नवादा(Nawada) और जहानाबाद जिलों के सूखाग्रस्त इलाकों में जीवनदायिनी गंगा नये जलप्रपात से खेतों में हरियाली लाएगी।गंगा की जलधाराओं को मोड़कर इन जिलों में ले जाने की बड़ी योजना है। सीएम नीतीश कुमार(Cm nitish kumar) की पहल पर सूबे का जल संसाधन विभाग इस पर काम शुरु कर रहा है।
कालेश्वरम योजना का अध्ययन करेगी टीम
इस कार्य की तकनीक को सीखने अधिकारियों की टीम जल्दी ही तेलंगाना जा रही है।वहां कालेश्वरम योजना(Kaleshwaram) का अध्ययन कर यह टीम लिफ्ट तकनीक से सिंचाई संसाधन जुटाने के गुर सीखेगी।तकनीक अगर कारगर हुई तो टीम नालंदा जाकर योजना का खांका तैयार करेगी।इसके बाद आगे की योजना पर काम शुरु होगा।जल संसाधन विभाग इस काम के दो विकल्पों पर विचार कर रहा है।बख्तियारपुर से नालंदा तक नहर बनाकर गंगा का पानी उसमें लिफ्ट किया जाएगा।दूसरी योजना गंगा के पानी को बरसाती नदी मुहाने में डालने की है। पानी पहुंचते ही इससे जुड़ी नदियों में जलधारा बहने लग जाएगी। तब नहरों को बनाकर पानी को ज़रूरी खेतों तक पहुंचाया जाएगा।
कहीं तबाही तो कहीं सूखा
बता दें कि राज्य के उत्तरी जिलों में नेपाल की तराई वाले क्षेत्रों की बारिश का पानी तबाही मचा डालता है। जबकि दक्षिण और मध्य बिहार के कई जिले कम वर्षा की मार सहते हुए सूखाग्रस्त बने रहते हैं।नहरों में पानी नहीं रहने से इन इलाकों में सिंचाई के लाले पड़ जाते हैं।अभी दक्षिण बिहार के इन कई जिलों में सूखे की हालत बनी है।
गंगाजल पहुंचेगा खेतों में
पिछले दिनों पृथ्वी दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि सूखाग्रस्त इन जिलों में गंगाजल(Ganga water) से सिंचाई की जानी चाहिए।उन्होंने तेलंगाना की कालेश्वरम योजना की तरह नदी को लिफ्ट करने के गुर सीखने की सलाह भी दी।कालेश्वरम की इस योजना में नदी की धारा को लिफ्ट कर नहरों के जरिए खेतों तक पहुंचाया जाता है। यह योजना यदि कारगर हुई तो बिहार के सूखे इलाकों में गंगाजल से खेती को उन्ंत करने और जल सग्रहण के नये आयाम जुड़ जाएंगे।
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