केंद्र से दिशा निर्देश की मांग थी
न्यायाधीश हेमंत श्रीवास्तव की खंडपीठ में मंगलवार को अधिवक्ता अजय ठाकुर और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा गया। केंद्रीय की ओर से लॉकडाउन में इस बाबत दिशा निर्देश दिए जाने की मांग मुख्यममंत्री ने भी पीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उठाई थी। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से बताया गया कि प्रवासियों और मजदूरों को दूसरे प्रदेशों से घर ले जाने से संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले की सुनवाई अभी पूरी नहीं हो पाई है। इस पर खंडपीठ ने केंद्र सरकार को एक सप्ताह में जवाब देने की मोहलत दे दी। अगली सुनवाई अब पांच मई को होगी।
राज्य सरकार ने पहले ही पल्ला झाड़ लिया
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने अदालत में पहले ही हलफनामा दायर कर कहा था कि लॉकडाउन के बीच सरकार बाहर से छात्रों और मजदूरों को बिहार नहीं ला सकती। इसके लिए केंद्र को नये दिशा निर्देश जारी करने चाहिए। मुख्यममंत्री ने पीएम से बातचीत में भी यह प्रसंग पुरजोर तरीके से उठाया था। राज्य सरकार यह भी दावा कर रही कि वह बाहर फंसे बिहारियों की हरसंभव मदद कर रही। बता दें कि कोटा में कोचिंग के लिए गये बारह हजार से भी अधिक छात्र घर आने को परेशान हैं। दूसरे राज्यों के छात्रों के अपने घरों तक लौट जाने के बीच बिहार के बच्चे मायूस होकर अनशन करने पर विवश हो गए हैं।
पटना में भी हुआ धरना प्रदर्शन
कोटा से बिहारी छात्रों की वापसी की मांग लेकर बिहार में भी सियासत तेज हो गई है। विपक्ष नीतीश सरकार को चौतरफा घेरने में जुटा हुआ है। इधर पटना विश्वविद्यालय के छात्रों ने कोटा से छात्रों को वापस लाने की मांग लेकर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर मंगलवार को धरना दिया। लॉकडाउन के प्रावधानों के उल्लंघन का मामला होने के कारण पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर ले गई। पीरबहोर थाने की पुलिस ने बाद में धरना देते गिरफ्तार छात्रों को मुक्त कर दिया।