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जानिए: सुख-संपत्ति, यश-कीर्ति के लिए कैसे करें मिट्टी के दीपकों से मां लक्ष्मी की आराधना, कैसे जलाएं दीपक और कहां रखें

locationपटनाPublished: Oct 16, 2019 06:15:42 pm

Submitted by:

Navneet Sharma

Deepak: धन की कामना पूरी हो, इसके लिए मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ दीपक अवश्य लगाएं।-एक दीपक वहां लगाएं जहां पीने के पानी रखा जाता है।-घर के तुलसी चौरे में दीपक लगाएं। यहां दीपावली के अलावा भी हर दिन दीपक लगाना चाहिए।

जानिए: सुख-संपत्ति, यश-कीर्ति के लिए कैसे करें मिट्टी के दीपकों से  मां लक्ष्मी की आराधना, कैसे जलाएं दीपक और कहां रखें

जानिए: सुख-संपत्ति, यश-कीर्ति के लिए कैसे करें मिट्टी के दीपकों से मां लक्ष्मी की आराधना, कैसे जलाएं दीपक और कहां रखें

पटना. दीपावली दीपों का त्यौहार है, दीपावली का अर्थ ही होता है दीपों की कतार, इसीलिए दीपावली के अवसर हम घरों के बाहर और लक्ष्मी पूजन में मिट्टी के दीपकों से घर को रोशन करते हैं। लेकिन आज के आधुनिक युग ने इस त्योहार को बदल कर रख दिया है। वो दीपक कहीं खो से गये हैं जो वास्तव में इस त्यौहार की आत्मा हैं। अब उनकी जगह इलेक्ट्रिक लाइटों और झालरों ने ले ली है। खासतौर पर दीपावली के अवसर मां लक्ष्मी के पूजन में मिट्टी के दीपक का क्या उपयोग होता है पूजन का क्या फल होता है, हम यह बताने की कोशिश कर रहे हैं।
कैसे जलाएं दीपक और क्या करें
गाय के घी का दीपक- गाय का घी आनंद और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है एवं सेहत के लिए भी अत्यंत उत्तम व लाभदायक माना जाता है।
तिल के तेल का दीपक- माना जाता है की तिल के तेल के दीपक जलाने से बुरे प्रभाव हट जाते है एवं अशुभ घटनाएं टल जाती है। इस तेल के दीपक से त्वचा सबंधित रोगो में भी लाभ मिलता है।
अरंडी के तेल का दीपक- माना जाता है की इस तेल के दीपक जलाने से आध्यात्मिक बुद्धि का विकास होता है और खुशियो का आगमन भी होता है।
वनस्पति तेल का दीपक- वनस्पति तेल को पर्यावरण का सबसे अच्छे प्रकाश के स्त्रोत के लिए जाना जाता है। माना जाता है की इनके प्रयोग से घर मे शांति एवं खुशियाँ आती हैं।
दीपावली दीपों का त्योहार है
पुुराणों में जहां दिवाली का वर्णन है वहां यह नया तथ्य भी सामने आता है कि दीपावली के दिन सिर्फ महालक्ष्मी के लिए ही नहीं बल्कि पितरों के निमित्त भी दीप जलाए जाते हैं। दीपक के साथ आतिशबाजी, आकाशदीप, कंडील आदि जलाने की प्रथा के पीछे यह धारणा है कि दीपावली-अमावस्या से पितरों की रात आरंभ होती है। हमारे पितर कहीं मार्ग से भटक न जाएंं, इसलिए उनके लिए प्रकाश की व्यवस्था इस रूप में की जाती है। इस प्रथा का बंगाल में विशेष प्रचलन है।
जानिए: सुख-संपत्ति, यश-कीर्ति के लिए कैसे करें मिट्टी के दीपकों से मां लक्ष्मी की आराधना, कैसे जलाएं दीपक और कहां रखें
दीपक या दिया जलाना हर शुभ अवसर पर एक अनिवार्य परंपरा माना जाता है इसलिये दीपक की लौ सही दिशा में अवश्य होनी चाहिये। किसी शुभ कार्य से पहले दीपक जलाते समय इस मंत्र को बोलने से शीघ्र ही सफलता मिलती है-
पूर्व और उत्तर दिशा में जहां दिये की लौ आयु और धन में वृद्धि की मनोकामना पूरी करने वाली होती है तो वहीं पश्चिम और दक्षिण में दिये की लौ होना अशुभ भी माना जाता है। पश्चिम दिशा में दिये की लौ दुखदायी होती है और आपको कष्ट सहने पर मजबूर होना पड़ सकता है। लेकिन दक्षिण में दिये की लौ रखना और भी घातक हो सकता है। इससे व्यक्ति या परिवार को बड़ी हानि उठानी पड़ सकती है यह हानि जान-माल किसी भी भी रूप में हो सकती है।
कैसे कष्टों का निवारण करते हैं दीपक

-सबसे पहले घर के मंदिर में जहां लक्ष्मी का मुख्य पूजन करें वहां अखंड दीपक जरूर लगाएं। ध्यान रखें कि यह दीपक रातभर बुझना नहीं चाहिए।
-धन की कामना पूरी हो, इसके लिए मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ दीपक अवश्य लगाएं।
-एक दीपक वहां लगाएं जहां पीने के पानी रखा जाता है।
-घर के तुलसी चौरे में दीपक लगाएं। यहां दीपावली के अलावा भी हर दिन दीपक लगाना चाहिए।
-पीपल के पेड़ के नीचे दीपक लगाएं। मगर, ध्यान रखें कि दिया लगाने के बाद उसे पीछे मुड़कर देखना नहीं है। यह उपाय दिवाली वाली रात में करना है।
-घर के आस-पास किसी चौराहे पर दिवाली की रात में दिया जरूर जलाएं। इससे भी पैसों से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।
-घर के आस-पास स्थित मंदिर में भी एक दिया लगाएं। इससे सभी देवी-देवताओं की कृपा मिलती है और क्लेशों से मुक्ति व मानसिक शांति मिलती है।
-बेलपत्र के पेड़ के नीचे दिया लगाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से आर्थिक के अलावा व्यक्ति के जीवन मेंआने वाली अन्य तरह की परेशानियां दूर होती हैं।
-यदि भूत-प्रेत संबंधी परेशानी आ रही हो, तो पितरों के निमित्त श्मशान में एक दीपक जरूर लगाएं।
-अपने घर की मुंडेर, दहलीज, खिड़की, बाथरूम, छत पर, दरवाजे, पर दीपक लगाने के साथ ही एक दीपक पड़ोसी के घर में भी शुभ शगुन का रखना चाहिए।

जानिए: सुख-संपत्ति, यश-कीर्ति के लिए कैसे करें मिट्टी के दीपकों से मां लक्ष्मी की आराधना, कैसे जलाएं दीपक और कहां रखें

-रोगों से मुक्ति के लिए प्रतिदिन सूर्य देव के चित्रपट अथवा श्रीविग्रह के आगे दीपक लगाएं।
-श्रीकृष्ण के आगे दीपक लगाने से जीवन साथी की तलाश पूरी होती है।
-रूक्मणी और श्रीकृष्ण के आगे दीपक लगाने से मनभावन जीवन साथी मिलता है।
-दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर रखने से आयु में वृद्धि होती है।
-दीपक की लौ पश्चिम दिशा की ओर रखने से दुख बढ़ता है।
-दीपक की लौ उत्तर दिशा की ओर रखने से धन लाभ होने के योग बनते हैं।
-दीपक की लौ दक्षिण दिशा की और रखने से हानि होती है। यह हानि किसी व्यक्ति या धन के रूप में भी हो सकती है।

जानिए: सुख-संपत्ति, यश-कीर्ति के लिए कैसे करें मिट्टी के दीपकों से मां लक्ष्मी की आराधना, कैसे जलाएं दीपक और कहां रखें
सुख-समृद्धि का प्रतीक है दीपक
दीप, दीपक, दीवा या दीया वह पात्र है जिसमें सूत की बाती और तेल या घी रख कर ज्योति प्रज्वलित की जाती है। पारंपरिक दीया मिट्टी का होता है लेकिन धातु के दीये भी प्रचलन में हैं। पंचतत्वों दीपक अग्नि का प्रतीक माना जाता है। दीपक जलाने के मंत्र का उच्चारण भी किया जाता है, जिसमें सुन्दर और कल्याणकारी, आरोग्य और संपदा को देने वाले हे दीप, शत्रु की बुद्धि के विनाश के लिए हम तुम्हें नमस्कार करते हैं। दीपक की लौ किस दिशा में होनी चाहिए, इस संबंध में वास्तु शास्त्र में पर्याप्त जानकारी मिलती है। धनतेरस से ही कार्तिक के कृष्णपक्ष की अंधेरी रात को जगमगाने की शुरुआत हो जाती है।
बुरे सपनों का डर सताता है तो सोने से पहले हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप के आगे दीया जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। घर के मंदिर की उत्तर दिशा में धन के देवता कुबेर का स्वरूप स्थापित करें। पैसों से संबंधित जैसी भी समस्या हो प्रतिदिन दीपक लगाने से हल हो जाएगी। घर और कार्यस्थान पर गणपति बप्पा का स्वरूप स्थापित करें। दिन का आरंभ उनके आगे दीपक लगा कर करें। राम दरबार के आगे प्रतिदिन दीपक
लगाने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

दीपज्योति परब्रह्म दीपज्योति जनार्दन।
दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नामोस्तुते।।
शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां।
शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति नमोस्तुति।।

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