scriptBIHAR NEWS: कन्हैया कुमार महागठबंधन बचाने के लिए तेजस्वी को नेता मानेंगे | Kanhaiya Kumar will consider Tejashwi as leader to save the grand alli | Patrika News

BIHAR NEWS: कन्हैया कुमार महागठबंधन बचाने के लिए तेजस्वी को नेता मानेंगे

locationपटनाPublished: Oct 21, 2019 05:25:31 pm

Submitted by:

Navneet Sharma

कन्हैया कुमार ने कहा कि हमें तेजस्वी यादव को नेता मानने में कोई समस्या नहीं हैं। उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि महागठबंधन बचाने के लिए हम किसी को भी नेता स्वीकार कर सकते हैं।

BIHAR NEWS: कन्हैया कुमार महागठबंधन बचाने के लिए तेजस्वी को नेता मानेंगे

BIHAR NEWS: कन्हैया कुमार महागठबंधन बचाने के लिए तेजस्वी को नेता मानेंगे

पटना: लोकसभा चुनाव के दौरान बेगूसराय में कन्हैया कुमार को आरजेडी का समर्थन बेशक नहीं मिल सका और गिरिराज सिंह के मुकाबले उनकी क़रारी हार हुई पर अब बदली परिस्थितियों में कन्हैया महागठबंधन की खातिर तेजस्वी का नेतृत्व स्वीकार करने को तैयार हैं। उन्होंने यह बात पटना आकर तब कही जब भाजपाध्यक्ष अमित शाह की एनडीए में नीतीश कुमार के नेतृत्व की स्वीकारोक्ति के साथ सियासी समीकरण बदले नज़र आने लगे हैं।

कन्हैया कुमार ने कहा कि हमें तेजस्वी यादव को नेता मानने में कोई समस्या नहीं हैं। उन्होंने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि महागठबंधन बचाने के लिए हम किसी को भी नेता स्वीकार कर सकते हैं। लगे हाथों यह भी कह डाला कि लोकसभा चुनाव के दौरान दलों के बीच तालमेल का तात्कालिक अरेंजमेंट बना था। जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आएंगे उसी हिसाब से दलों में ज़रूरत पड़ेगी और गठबंधन आकार लेगा।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान सीपीआई महागठबंधन से बाहर था। बेगूसराय में कन्हैया कुमार के मैदान में रहते आरजेडी ने अपना प्रत्याशी उतार दिया था। यहां कन्हैया और आरजेडी दोनों को क़रारी हार का सामना करना पड़ा। बिहार में एक साल के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं। अभी तक सियासत के पत्ते खुले नहीं थे। माना जा रहा था कि भाजपा जदयू की बैसाखी छोड़ नीतीश कुमार या सुशील मोदी के अतिरिक्त अपना नया नेता प्रोजेक्ट कर अपने दम पर चुनाव मैदान में कूद सकती है। यह भी चर्चा बनी रही कि भाजपा नीतीश के मुकाबले आरजेडी के साथ गुपचुप सेटिंग्स कर सकती है। इधर नीतीश कुमार भी कांग्रेस की तरफ पेंगें बढ़ाने लग गए थे। लेकिन अमित शाह के ऐलान के बाद सियासत का माहौल बदल गया है।नीतीश कुमार के साथ सुशील कुमार मोदी का क़द भी अचानक बढ़ गया। इन सबके पीछे जो भी वज़ह रही हो पर कहा यह जा रहा कि नीतीश कुमार के कांग्रेस की तरफ रुख करने की आशंकाओं और भाजपा विधायक दल में विभाजन करा जदयू के साथ जोड़ ले सकने के भय की वजह से भी नीतीश कुमार के नेतृत्व की घोषणा कर दी गई। ऐसे सियासी हालात के बीच कन्हैया और तेजस्वी के बीच की दूरियां घटाने की कवायद हो यह गैरमुमकिन भी नहीं है।
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