पहली बार हुआ ऐसा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा पहली बार हुआ है, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ( Home Ministry ) ने बिहार के पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों की डिटेल सूचिबद्ध कर मांगी हो। इन अफसरों की विशेषताओं का भी जिक्र करने को कहा गया है। दरअसल बिहार में कर्मठ, ईमानदार और जनापेक्षी अफसरों की कमी नहीं रही है। कई अधिकारी जनता से जुड़कर बेहतर कार्यों को अंजाम देने के लिए भी चर्चित होते रहे हैं। केंद्र की इस कार्रवाई को मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन ( Jammu Kashmir Reorganisation Bill ) से जोड़ कर भी देखा जा रहा है।
हो सकती है नए केंद्रशासित प्रदेशों में पोस्टिंग
बिहार से अफसरों की फेहरिस्त मांगे जाने को लेकर सूबे के प्रशासनिक हलकों खासकर पटना सचिवालय में चर्चाओं का बाजार गर्म है। साथ ही खलबली मची है। कहा जा रहा कि केंद्र सूची मिलने के साथ कभी भी अफसरों से संपर्क कर सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खास अफसरों को कभी भी दिल्ली से फोन आ सकता है। ऐसे अफसरों की नियुक्ति जम्मू-कश्मीर और लद्दाख ( Laddakh ) जैसे नए केंद्रशासित प्रदेशों में अहम पदों पर की जा सकती है। अफसरों की लिस्ट एक सप्ताह के भीतर ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मांगी है।