अररिया में जिला परिसदन और डीटीओ बिल्डिंग डूब गई है।न वगछिया प्रखंड में जलप्रलय के हालात हैं। बिहपुर और खरीक प्रखंडों के आधे दर्जन से अधिक गांवों में पानी ने तबाही मचा डाली। लोगों को घरों से भागकर ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ गई। बाढ़ से सबसे अधिक अररिया, किशनगंज, सुपौल, दरभंगा, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण मुजफ्फरपुर और मधुबनी जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बाढ़ पीड़ितों ने झंझारपुर और अररिया के एनडीए सांसदों का जबर्दस्त विरोध किया है। झंझारपुर सांसद रामप्रीत मंडल को नरुआर गांव में लोगों ने घेरकर खूब खरी खोटी सुनाई। वह कमला बलान नदी का तटबंध टूटने से बिगड़े हालात का जायजा लेने पहुंचे थे।
पीड़ित परिवारों को बाढ़ राहत का कोई भरोसा दिए बिना लौट रहे मंडल को गुस्साए लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ गया। वह बड़ी मुश्किल से भीड़ से बाहर निकाले जा सके। अररिया में भी पीड़ित परिवारों ने भाजपा सांसद प्रदीप सिंह का घेराव कर उन्हें खूब खरीखोटी सुनाई। लोगों ने ताने दिए कि क्या यही दिन देखने के लिए हमने वोट दिए थे? मुजफ्फरपुर में औराई और कटरा प्रखंडों में भी बाढ़ का पानी क ई गांवों में घरों के भीतर जा घुसा। इससे लोग भागकर सुरक्षित स्थानों में चले गए। राहत और बचाव कार्यों में अभी तक तेजी नहीं आने से लोगों का गुस्सा भी सातवें आसमान पर पहुंच रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को हवाई सर्वे के बाद समीक्षा बैठक की और राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिए।