पटना

लालू प्रसाद यादव का नर्वस सिस्टम गड़बड़ाया, चक्कर आने से परेशान

लालू प्रसाद के एक दर्जन गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने के कारण उन्हें जेल प्रशासन की ओर से रिम्स में भर्त्ती कराया गया है और करीब एक महीने से वे रिम्स में ही पेईंग वार्ड में भर्त्ती है…

पटनाOct 07, 2018 / 02:50 pm

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lalu prasad yadav

(पटना): बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद पहले से ही कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है और अब लालू प्रसाद का नर्वस सिस्टम गड़बड़ा गया है, जिसके कारण उन्हें चक्कर आ जा रहे है। चक्कर आने के कारण वे कई बार गिरते-गिरते भी बाल-बाल बच चुके है।


लालू प्रसाद के एक दर्जन गंभीर बीमारियों से पीड़ित होने के कारण उन्हें जेल प्रशासन की ओर से रिम्स में भर्त्ती कराया गया है और करीब एक महीने से वे रिम्स में ही पेईंग वार्ड में भर्त्ती है। रिम्स के चिकित्सकों ने बताया कि लालू प्रसाद पहले से ही किडनी फेल्योर, डायबिटीज, दिल की बीमारी, प्रोस्टेट सहित दर्जन भर बीमारियों से जूझ रहे है, लेकिन अब एक नई बीमारी की गिरफ्त में आ गए है। इस नई बीमारी की वजह से उन्हें बार-बार चक्कर आ रहा है। लालू प्रसाद की तबीयत खराब रहने की वजह से उनकी बेटी और दामाद ने रिम्स में आकर मुलाकात की और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।


इस वजह से आ रहे ज्यादा चक्कर

अस्पताल के सूत्रों के अनुसार नर्वस सूत्रों के गड़बड़ा जाने की वजह से एक बार तो वह बाथरूम में गिरते-गिरते बचे हैं। बताया गया है कि अनियंत्रित ब्लड शुगर ने लालू प्रसाद के नर्वस सिस्टम पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है, जिसके कारण जब भी राजद सुप्रीमो बिस्तर से उठने की कोशिश करते हैं, उन्हें चक्कर आना शुरू हो जाता है। डॉक्टर इसे साइंस की भाषा में ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी बीमारी बताते हैं। इसमें ब्रेन को ब्लड सप्लाई कम हो जाती है, जिससे मरीज को चक्कर आता है।

 

इससे पहले बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और उनके पुत्र तेजस्वी यादव समेत पार्टी के अन्य नेताओं के अलावा कांग्रेस, झामुमो और झारखंड विकास मोर्चा समेत अन्य दलों के नेता भी समय-समय पर रिम्स जाकर लालू प्रसाद से मुलाकात करते रहे हैं। तेजस्वी यादव ने अपने पिता से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि उनके पिता का स्वास्थ्य लगातार खराब चल रहा है और उनका इलाज रिम्स की बजाए देश के किसी अन्य प्रतिष्ठित चिकित्सीय संस्थान में कराने की जरूरत है।

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