scriptतीन नक्सलियों को 13 साल बाद उम्रकैद | LIfe imprisonment got three naxal | Patrika News

तीन नक्सलियों को 13 साल बाद उम्रकैद

locationपटनाPublished: May 07, 2015 08:40:00 pm

चर्चित लोहराडीह हत्याकांड में एडीजे-चार उमाशंकर द्विवेदी की अदालत ने तीन नक्सलियों को उम्रकैद की सजा सुनायी….

two Maoist ten-year jail

maoists in jail

सासाराम। चार पुलिसकर्मियों के चर्चित लोहराडीह हत्याकांड में एडीजे-चार उमाशंकर द्विवेदी की अदालत ने तीन नक्सलियों को उम्रकैद की सजा सुनायी। कोर्ट ने 16-16 हजार रूपए अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड नहीं देने पर अभियुक्तों को छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। वहीं कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में दो आरोपितों तिलौथू के कमला साह व लोहराडीह के शंकर महतो को बरी कर दिया।


न्यायालय ने अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अभियुक्त तिलौथू थाना क्षेत्र के लोहराडीह गांव के तीन नक्सलियों बदन महाते, अनंत भगवान महतो व मुनिलाल महतो को भारतीय दंड विधान की धारा 148, 333, 302 व शस्त्र अधिनियम में दोषी करार दिया और आजीवन कारावास की सजा सुनायी।





क्या था मामला


इस मामले की हाईकोर्ट मॉनिटरिंग कर रही थी। घटना 11 मई 2002 को हुई थी। तिलौथू पुलिस थाना क्षेत्र के चंदनपुरा गांव में एक मामले की जांच करने गई थी। वापस लौटने के क्रम में तिलौथू-चंदनपुरा पथ पर लोहराडीह बाल के पास माओवादियों ने घात लगाकर पुलिस जीप पर हमला बोल दिया। हमले में हवलदार एहतेशाम खां, सिपाही बलिराम सिंह व धनराज साह के अलावा दफादार लक्ष्मण सिंह शहीद हो गये थे। एपीपी राजेश कुमार ने बताया कि नक्सली हमलों में जवानों के शहीद होने के मामलों में पहली बार नक्सलियों को कोर्ट से सर्जा हुई है। ट्रायल के दौरान 25 गवाहों को पेश किया गया था। मौके वारदात पर रहे जीप चालक राजमहल पांडेय व सिपाही गोविंद सिंह की गवाही को कोर्ट ने सजा का आधार माना।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो