कांग्रेस की निर्भरता कम नहीं हुई
भाजपा गठबंधन में दो सीटों वाली जदयू की भाजपा से बराबर की सीटों पर तालमेल के बावजूद कांग्रेस ने लगता है कोई सही सबक नहीं लिया। कांग्रेस के लिए लालू यादव की शरण अब भी कहीं ज्यादा मुफीद है। पिछले दिनों जेल में उनसे शकील अहमद और कौकब कादरी समेत कई नेता मिल चुके हैं। सुबोध कांत सहाय रांची में रहते हुए उनसे अक्सर मिलने पहुंच जाते हैं। कांग्रेस अब भी लालू यादव के भरोसे कहीं अधिक सुरक्षित महसूस करती है। मधेपुरा से पप्पू यादव और कांग्रेस से जीतीं पत्नी रंजीता रंजन के अलग राह पकड़ लेने से आरजेडी और कांग्रेस की सदस्य संख्या अभी एक एक कम हो गई है।
उपेंद्र कुशवाहा ने रघुवंश सिंह पर कसा तंज
महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर आरजेडी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह की नसीहत को लेकर रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा ने उनपर तंज कसा और कहा कि उनकी बातों को कोई गंभीरता से नहीं लेता। कुशवाहा ने कहा कि यदि आरजेडी का अधिकृत बयान हो तो कुछ कहा जा सकता है।सिंह ने कहा था कि भाजपा को हराने के लक्ष्य को लेकर एक छतरी के नीचे आकर चुनाव लड़ने वालों को एक दल,एक नीति और एक ही सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहिए। उनका इशारा जीतन राम मांझी के हिंदुस्तान आवाम मोर्चा,मुकेश साहनी की भारतीय इंसान पार्टी,शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल और उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा की ओर था। इस पर कुशवाहा ने तंज कसे और साफ कह डाला कि सिंह फ्री स्टाइल नेता हैं।कुछ भी बोलते रहते हैं।
महागठबंधन में सीटों की शेयरिंग को लेकर पिछले हप्ते कुशवाहा और सहनी रांची जाकर लालू यादव से मिले और मीडिया से कहा था कि फॉर्मूला लगभग तय हो चुका है। सीट शेयरिंग पर शरद यादव और कांग्रेस के अखिलेश सिंह इसी हफ्ते लालू यादव से मिलने जाने वाले हैं।