आरजेडी सूत्रों के अनुसार पार्टी इस बार नरेंद्र मोदी के खिलाफ कारगर महागठबंधन के लिए अपनी सात सीटों की कुर्बानी देने को राजी है। व्यापक समझौते के लिए तेजस्वी इस मूड में बताए जा रहे हैं कि सभी भाजपा विरोधी दल चुनाव में भाजपा गठबंधन के मुकाबले एकजुट दिखें। आरजेडी और कांग्रेस अभी उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में आने की बाट जोह रही है।
यदि वह आते हैं तो कोयरी कुर्मी वोट बैंक के नाम पर उन्हें तीन से चार सीटें दी जा सकती हैं।पिछले चुनाव में उनकी पार्टी एनडीए पार्टनर के रूप में तीन सीटों पर चुनाव लड़ी और शत प्रतिशत जीत दर्ज़ की थी। आरजेडी को चार,कांग्रेस को दो,एनसीपी को एक और भाजपा गठबंधन को 31 सीटों पर कामयाबी मिली थी। तब एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़े जदयू को मात्र दो सीटों पर विजय मिली। जबकि कटिहार में एनसीपी के तारिक अनवर ने जीत दर्ज़ की थी।
इस बार महागठबंधन में शरद यादव के लोकतांत्रिक जनता दल तथा तीनों वामपंथी दलों को भी एक एक सीट समझौते में दिए जाने के संकेत मिल रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चे के जीतन राम मांझी भी गया से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। तय हो रहे फॉर्मूले के मुताबिक सपा बसपा को एक एक सीट दी जाएगी। सपा के देवेंद्र प्रसाद यादव झंझारपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा के आने पर आरजेडी और कांग्रेस अपनी सीटें कम कर तीन से चार सीटें उनकी पार्टी को दे सकती है।
फॉर्मूले के अनुसार सीटों पर तालमेल की संभावना:-
:- कुल सीटें-40
:- आरजेडी-20
:- कांग्रेस -10 लोकतांत्रिक जनता दल-2(शरद यादव मधेपुरा और उदयनारायण चौधरी किसी सीट से)
:- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-1
:- सीपीआई-1
:- सीपीएम-1
:- भाकपा(माले)-1
:- कटिहार से तारिक अनवर-1
:- मुजफ्फरपुर से महेश साहनी-1
:- सपा-1
:- बसपा-1