scriptIAS और IPS से कनेक्शन का फायदा उठाकर इस शातिर तरीके से मनीषा दयाल ने डीएक्टिवेट किया अपना फेसबुक अकांउट | Manisha Dayal also have connection with ias and ips officers | Patrika News

IAS और IPS से कनेक्शन का फायदा उठाकर इस शातिर तरीके से मनीषा दयाल ने डीएक्टिवेट किया अपना फेसबुक अकांउट

locationपटनाPublished: Aug 14, 2018 04:31:28 pm

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Prateek

पटना में पदस्थापित दो आईएएस और एक आईपीएस अधिकारी मनीषा को बचाने में जुटे हैं…

मनीषा दयाल

मनीषा दयाल

प्रियरंजन भारती की रिपोर्ट…

(पटना) पटना के आसरा शेल्टर होम मामले मे गिरफ्तार मनीषा दयाल और चितरंजन कुमार के बीच अब नए घटनाक्रम के साथ ही रिश्‍ते नफरत में बदल गए हैं। दोनों पुलिस के सामने ही आपस में झगड़ पड़े और मनीषा ने पुलिस के सामने ही चितरंजन को थप्पड़ जड़ दिया। दोनों से पुलिस गहन पूछताछ कर रही है। इस बीच मनीषा ने अपना फेसबुक अकाउंट बंद करवा दिया है। पुलिस हिरासत में भी वह सोशल मीडिया पर ऐक्टिव देखी गई थी।


मनीषा को बचाने में आईएएस और आईपीएस भी

पटना में पदस्थापित दो आईएएस और एक आईपीएस अधिकारी मनीषा को बचाने में जुटे हैं। उनके हस्तक्षेप के बाद ही दो संवासिनों की मौत का मामला रफा-दफा करने की साजिश होने लगी थी। पुलिस और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही एक मृतक पूनम का शव आनन फानन में जला दिया गया था। संस्था से तीनों अफसरों के संपर्क की जानकारी स्पेशल ब्रांच और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के वरिष्ठ अधिकारियों को भी हो गई है। सूत्रों के अनुसार दोनों आईएएस अफसरों की मेहरबानी से ही मनीषा को आसरा शेल्टर होम के संचालन का काम मिला था। इसके लिए मोटी रकम के लेनदेन का भी पता चला है। गिरफ्तारी के बाद उसी आईपीएस अधिकारी ने मनीषा को मुखबिर के माध्यम से खबर भिजवाई कि वह अपना फेसबुक अकाउंट बंद कर दे। खाना लेकर थाने में आए बेटे को उसने बातों बातों में अपना पासवर्ड बताया और फेसबुक अकाउंट बंद करवा दिया। वह थाने में बार बार आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ गहरे रिश्ते का जिक्र करती रही और मोबाइल में सेव उनका नंबर भी पुलिस को दिखाया।

 

आसरा गृह की लडकी ने दिया बयान

पुलिस ने आसरा गृह में रहने वाली गोपालगंज की एक लड़की का ऐडीजेएम-3 शशि मिश्रा की अदालत में बयान दर्ज करवाया। उसने आसरा गृह में लड़कियों के साथ हो रहे गंदे खेल का खुलासा किया है। आसपास के लोगों ने भी पुलिस को बताया कि यहां देर रात लग्जरी गाड़ियां आतीं और महिलाओं को ले जाती थीं फिर सुबह होते ही उन्हें यहां पहुंचा दिया जाता था। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार राह चलते लोगों से यहां की महिलाएं खाने के लिए मांगती तो कभी रोने लग जाती थीं। एक सेविका ने बताया कि यहां का महौल गंदा है लेकिन मनीषा दयाल ओर चितरंजन की खौफ से कोई मुंह नहीं खोल पाता था।

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