scriptनालंदा विश्वविद्यालय और भग्नावशेष 31 मार्च तक रहेंगे बंद | Nalanda University and ruins will remain closed till March 31 | Patrika News

नालंदा विश्वविद्यालय और भग्नावशेष 31 मार्च तक रहेंगे बंद

locationपटनाPublished: Mar 19, 2020 08:59:07 pm

Submitted by:

Navneet Sharma

कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बिहार में 31 मार्च तक सरकार से लेकर आम-अवाम तक किसी तरह की कोताही करने के मूड में नहीं है। एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर पीस के बैनर तले बांग्लादेश मोनास्ट्री में विशेष प्रार्थना हुई। कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने प्रार्थना की।

नालंदा विश्वविद्यालय और भग्नावशेष 31 मार्च तक रहेंगे बंद

नालंदा विश्वविद्यालय और भग्नावशेष 31 मार्च तक रहेंगे बंद

पटना. कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बिहार में 31 मार्च तक सरकार से लेकर आम-अवाम तक किसी तरह की कोताही करने के मूड में नहीं है। एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर पीस के बैनर तले बांग्लादेश मोनास्ट्री में विशेष प्रार्थना हुई। कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने प्रार्थना की। भारत सहित कई देशों की मोनास्ट्री के प्रभारी भी शामिल हुए। उधर, विश्व धरोहर नालंदा विवि के भग्नावशेष व म्यूजियम 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं।
नालंदा से जेएनएन के अनुसार, बिहार में कोरोना वायरस अलर्ट को लेकर पुरातत्व विभाग ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष व म्यूजियम को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया। विवि के खंडहर के गेट पर बंदी की नोटिस चिपका दी गई है। नालंदा विवि के भग्नावशेष केंद्र सरकार के अधीन है। केंद्र सरकार से बंदी का निर्देश नहीं मिलने के कारण ये दोनों स्थल पर्यटकों के लिए खुले थे। जहां देश-विदेश के पर्यटकों की आवाजाही लग हुई थी। बंदी की जानकारी देते हुए सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद शंकर शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार की सलाह और संस्कृति मंत्रालय व बिहार सरकार के निर्देश पर पुरातत्व संग्रहालय नालंदा एवं विवि के खंडहर को आगामी 31 मार्च तक पर्यटकों एवं आगंतुकों के लिए बंद किया गया है। नालंदा स्थित तेलिया भंडार मंदिर को भी मंगलवार से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया।
उधर, गया से जेएनएन के अनुसार, विश्वभर में कोहराम मचाने वाले कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटनस्थल बोधगया में बुधवार को बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध से प्रार्थना की। बौद्ध भिक्षुओं की यह प्रार्थना विश्व में मानवता का संदेश दे गई। एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर पीस (एबीसीपी) के बैनर तले विशेष प्रार्थना बांग्लादेश मोनास्ट्री में आयोजित थी, जिसमें भारत, मंगोलिया, कोरिया, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, ताइवान, श्रीलंका, नेपाल व बांग्लादेश मोनास्ट्री के प्रभारी शामिल हुए। एबीसीपी के संयक्त सचिव सोनम वांगचुक व अशोक वांगडी ने बताया कि इस विपरीत परिस्थिति में शांति और अहिंसा की भूमि पर की गई प्रार्थना का परिणाम जल्द दिखेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो