पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से कहा कि यह संभव नहीं लगता है। मुख्यमंत्री ने यहां कहा कि सैद्धांतिक रूप में तो यह सही लगता है, पर व्यावहारिक रूप में यह संभव नहीं हो सकता। मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भी नई दिल्ली में 2019 के लोकसभा चुनावों के साथ 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने में असमर्थता जताई और कहा कि इसके लिए पर्याप्त वीवी पैट मशीनें उपलब्ध नहीं हैं। इधर नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग एक साथ चुनाव के लिए तैयार होने से पहले इस पर आम सहमति बना ले। इसके लिए सभी की सहमति होनी ज़रूरी है।
विदित है कि देश में आम चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ करवाना कितना व्यवहारिक है विधि आयोग इस पर विचार कर रहा है। इस विषय पर आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से सुझाव मांगे थे। भाजपा इसका समर्थन कर रही है और कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे है। एनडीए का सहयोगी दल होने के बाद भी जदयू प्रमुख नीतीश कुमार का इस मुद्ये पर असहमति व्यक्त करने के बाद से सियासी गलियारों में बातें बनने लगी है। इधर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने विधि आयोग को पत्र लिख वन नेशन वन इलेक्शन की उपयोगी के बारे में बताया है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार शाह की ओर से लिखे गए आठ पन्नों के इस पत्र में उन्होंने कहा एक साथ चुनाव करवाने से चुनावों में होने वाले खर्च को रोका जा सकता है। हर बार के चुनावों में बढ रहे खर्च के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करने से राष्ट्र इलेक्शन मोड़ पर नहीं रहेगा और नीयत तिथि पर चुनाव करवाकर लोकसभा और विधानसभा के सदनों में चर्चा के लिए ज्यादा समय मिलेगा।