scriptनीतीश कुमार की यात्राएं सिर्फ फोटो सेशन और राजनीतिक पर्यटन: सुशील | Nitish Kumar's visits are just photo ops and political tourism: Sushil | Patrika News

नीतीश कुमार की यात्राएं सिर्फ फोटो सेशन और राजनीतिक पर्यटन: सुशील

locationपटनाPublished: Apr 25, 2023 12:46:42 am

Submitted by:

Devkumar Singodiya

विपक्षी एकजुटता पर जमकर किए कटाक्षकहा, शरद पवार अडाणी मुद्दे की हवा निकाल चुके

नीतीश कुमार की यात्राएं सिर्फ फोटो सेशन और राजनीतिक पर्यटन: सुशील

नीतीश कुमार की यात्राएं सिर्फ फोटो सेशन और राजनीतिक पर्यटन: सुशील

पटना. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विपक्षी एकजुटता के प्रयास पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुमार की यात्राएं सिर्फ फोटो सेशन और राजनीतिक पर्यटन है।

मोदी ने कहा कि केवल चर्चा में बने रहने के लिए नीतीश कुमार एक ऐसे समय में विपक्षी एकता का प्रयास करते दिखते रहने चाहते हैं, जबकि शरद पवार अडाणी मुद्दे की हवा निकाल चुके हैं। यहां तक कह चुके कि महाराष्ट्र में महाअघाड़ी गठबंधन के कल का कोई ठिकाना नहीं है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की दिल्ली, कोलकाता या लखनऊ की यात्रा राजनीतिक पर्यटन और फोटो सेशन के सिवा कुछ नहीं है।

 

भाजपा शून्य से 64 विधायकों की बनी पार्टी
भाजपा सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा शून्य से 64 विधायकों और 18 सांसदों की पार्टी बन गई। अब नीतीश कुमार क्या बंगाल में कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को एक मंच पर ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में टीएमसी नहीं और बंगाल में जब जदयू और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का कोई जनाधार नहीं है, तब नीतीश-ममता एक-दूसरे की क्या मदद कर सकते हैं। वे सिर्फ साथ में चाय पी सकते हैं और बयान दे सकते हैं।

 

बुआ बबुआ मिलकर लड़े़
मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक बार दो लड़के (राहुल-अखिलेश) मिलकर भाजपा को हराने में विफल रहे तो दूसरी बार बुआ-बबुआ (बसपा-सपा) मिल कर लड़े। दोनों बार एकजुट विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के सामने टिक नहीं पाया। उन्होंने कहा कि २०१९ के लोकसभा चुनाव में भाजपा को उत्तर प्रदेश की 80 में से 62 सीटें मिलीं जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) मात्र तीन सीट पा सकी। बसपा को 10 सीट मिली लेकिन चुनाव बाद बुआ ने बबुआ का साथ छोड़ दिया। क्या नीतीश कुमार काठ की यही जली हुई हांडी फिर से आग पर चढा पाएंगे।

 

विपक्ष के पास सर्वमान्य नेता नहीं
भाजपा सांसद ने कहा कि कि आज के हालात न 1977 जैसे हैं, न भाजपा-विरोध के अलावा कोई राष्ट्रीय मुद्दा है और न विपक्ष के पास कोई सर्वमान्य नेता है। उन्होंने कहा कि यदि समय काटने के लिए कोई मेढक तौलने का मजा लेना चाहता है, तो उसे कोई नहीं रोक सकता।

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