हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एपी शाही की खंडपीठ ने फैसले में कहा कि यह जनता पैसों का सरकारी दुरुपयोग है। अदालत ने कहा कि एम. एल. ए, एम. एल. सी रहते सरकारी बंगले का आवंटन तक ठीक है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगले दिए जाना सरकारी धन का दुरुपयोग है। इन बंगलों की साज—सज्जा और रख—रखाव पर भवन निर्माण विभाग के जरिए सरकार का काफी धन फिजूल में खर्च होता है। अदालत के इस फैसले से कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने पड़ेंगे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र, राबड़ी देवी, सतीश प्रसाद सिंह, जीतन राम मांझी आदि शामिल हैं।
बता दें कि हाल ही में सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी कोर्ट के आदेश पर सरकारी बंगला खाली करना पड़ा था। तेजस्वी को यह बंगला उपमुख्यमंत्री रहते हुए मिला था। बंगले को लेकर तेजस्वी व सरकार के बीच लंबे समय तक खींच—तान चलती रही बाद में मामला कोर्ट में चला गया था।