script‘पीके’ को लेकर मचे बवाल के बीच पटना विवि छात्र संघ का चुनाव 5 दिसंबर को | Patna university studentunion election on 5 december,pk met chancellor | Patrika News

‘पीके’ को लेकर मचे बवाल के बीच पटना विवि छात्र संघ का चुनाव 5 दिसंबर को

locationपटनाPublished: Dec 04, 2018 06:20:25 pm

Submitted by:

Prateek

प्रशांत किशोर को लेकर ऐसे ही बवाल नहीं मचा है। चुनावी आचार संहिता लागू होने के बावजूद वह सोमवार देर शाम कुलपति के दफ्तर में उनसे मिलने पहुंचे और घंटों तक वहां मौजूद रहे…

(पत्रिका ब्यूरो,पटना): पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में पीके की एंट्री को लेकर मचे बवाल के बीच बुद्धवार को मतदान कराए जाएंगे। पीके यानी जदयू उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने छात्र संघ चुनाव में अपनी एंट्री से सियासी बवाल मचा दिया है। उनकी गिरफ्तारी की मांग लेकर भाजपा ने जमकर धरना प्रदर्शन किए।

 

प्रशांत किशोर को लेकर ऐसे ही बवाल नहीं मचा है। चुनावी आचार संहिता लागू होने के बावजूद वह सोमवार देर शाम कुलपति के दफ्तर में उनसे मिलने पहुंचे और घंटों तक वहां मौजूद रहे। इस दौरान छात्र संगठनों ने वीसी कार्यालय का घेराव कर उन्हें नज़रबंद रहने को विवश कर दिया।

 

मंगलवार को विद्यार्थी परिषद तथा भाजपा नेताओं ने प्रशांत किशोर के खिलाफ हल्ला बोल दिया।पीके की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भाजपा नेताओं ने पीरबहोर थाने के बाहर धरना प्रदर्शन किया। पुलिस प्रशासन पर पक्षपात के आरोप लगाए। इस मामले में महत्वपूर्ण तथ्य यह कि भाजपा का साथ देते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर हमले किए। दोनों नेताओं ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर तंज कसे। उपेंद्र कुशवाहा ने तो यह भी लिखा कि पटना विवि छात्र संघ चुनाव जीत भी जाइएगा तो पीएम नहीं बन जाइएगा नीतीश जी।

 

प्रशांत किशोर की रणनीति ने भाजपा के छात्र संगठन विद्यार्थी परिषद को भारी परेशानियों में डाल रखा है। पीके ने छात्र संघ के निवर्तमान अध्यक्ष दिव्यांशु भारद्वाज को जदयू में शामिल करवाया तभी से विवाद बढ़ना शुरू हो गया था। भारद्वाज विद्यार्थी परिषद से जुड़े नेता रहे हैं लेकिन वह निर्दलीय लड़कर चुनाव जीते थे।

 

चुनाव प्रचार के दौरान भारद्वाज पर हमले हुए तो विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवार समेत कई छात्र नेताओं के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई। इनकी गिरफ्तारी के नाम पर पुलिस ने छात्रावासों में छापेमारी की और परिषद नेताओं को परेशान करना शुरु कर दिया तो भाजपा जदयू तनकर एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए। अब सवाल यह उठाए जाने लगे हैं कि क्या पीके की एंट्री इन्हीं सबके लिए कराई गई? क्या एनडीए में रहते हुए भी जदयू—भाजपा आने वाले दिनों में सहज रह पाएंगी?

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो