अफसरों-इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा
विकास आयुक्त की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दिए जाने के साथ ही अफसरों पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बुडको के एमडी अमरेंद्र कुमार सिंह और नगर निगम के तत्कालीन नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन के बीच समन्वय के अभाव में पटना की यह दुर्दशा हुई। इन दोनों के अलावा बड़ी संख्या में इंजीनियर और कार्यकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
अफसरों की लापरवाही ने डुबोया
रिपोर्ट में जांच कमेटी ने कहा कि नाला सफाई में अफसरों ने खूब लापरवाही बरती। पानी निकासी के लिए हर साल पंप हाउसों की निविदा की जाती है। इसमें बड़े स्तर पर घालमेल किया गया। तीन चार कंपनियों के बीच ही लंबे समय से काम का बंटवारा होते रहने की भी जांच की जा रही है। विकास आयुक्त ने यह भी जांच में पाया कि नाला सफाई के लिए किए जाने वाले भुगतान में भी जबर्दस्त गड़बड़ी की गई। ठेकेदार की ओर से मजदूरों की संख्या के आधार पर भुगतान उठा लिया जाता रहा जबकि नाले की गहराई और चौड़ाई तथा कचरे की मात्रा के हिसाब से भुगतान करने का प्रावधान है। निकाले गये कचरे को नष्ट करने का भी कोई उपाय नहीं किया जा रहा था।
घरों में कैद हो गए थे आमजन
गौरतलब है कि सितंबर महीने में नवरात्रि के पूर्व से ही घनघोर बारिश में पटना पूरी तरह डूब गया था। राजेंद्रनगर, कंकड़बाग समेत कई मौहल्ले ऐसे जलमग्न हो गये थे कि लोग घरों में पूरी तरह कैद होकर रह गये। बाढ़ राहत कार्य सेना समेत अन्य संगठनों की सहायता से लगातार कई दिनों तक चलाई जाते रहे। बाढ़ राहत में केंद्र समेत दूसरे राज्यों और संगठनों ने भी मदद की थी।