राबड़ी देवी ने दस सर्कुलर रोड स्थित आवास में मनेर के विधायक भाई वीरेंद्र को बुलवा कर घंटों बातचीत की। बाद में विधायक ने कहा कि हम भी राजनीति करने आए हैं। पार्टी प्रमुख जो कहेंगे, उसका पालन करूंगा। उन्होंने कहा कि लालू जी के बाहर आते ही सब ठीक हो जाएगा। इस मुद्दे पर तेजस्वी यादव ने भी दो टूक कहा कि किसी के भी कुछ कह देने से नहीं होता है। पार्टी अध्यक्ष लालू यादव जो कहेंगे वही होगा।
मालूम हो कि तेजप्रताप यादव ने गुरुवार को बहन मीसा भारती के मनेर से चुनाव लड़ने का एकतरफा ऐलान कर दिया था। मनेर के विधायक और प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने इस संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का पहले से मन बना रखा है। तेजस्वी यादव भी उनके पक्ष में बयान दे चुके हैं।तेजप्रताप ने गुरुवार को सिर्फ यह बयान ही नहीं दिया बल्कि यह भी कहा कि भाई वीरेंद्र हमारे भाई नहीं हैं। उन्होंने मनेर जाकर चुनाव प्रचार भी शुरु कर दिया। इस पूरे प्रकरण में भाई वीरेंद्र खामोश तो रहे पर पार्टी में इसे लेकर अधिकांश नेता नाराज दिखने लगे। पार्टी में सब कुछ ठीक ठाक रहे इसके लिए अगले ही दिन राबड़ी देवी डैमेज कंट्रोल में जुट गई। तेजप्रताप के कारनामे से पार्टी और परिवार को एक बार फिर बैकफूट पर आना पड़ गया।
दरअसल, तेजप्रताप के स्टैंड से लालू परिवार और पार्टी की परेशानियां बढ़ गई हैं। पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक के मामले को लेकर परिवार पहले ही से रक्षात्मक मुद्रा में है। अब वह पटना में परिवार से अलग रहते हुए पार्टी संगठन चलाने का अग्रिम ट्रायल कर रहे हैं। वह हर रोज पार्टी दफ्तर में जनता दरबार लगाकर अजीबोगरीब फैसले ले रहे हैं। उनके इस ऐक्शन में भी किसी का साथ नहीं मिल रहा। पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं में तेजप्रताप के कार्यों से परेशानी बढ़ी है।पार्टी का कोई एक नेता भी तेजप्रताप के साथ खड़ा नहीं दिख रहा है।