एनजीओ के माध्यम से संचालन
समाज कल्याण विभाग की ओर से चलाए जा रहे ऐसे गृहों पर सरकार बड़ी राशि खर्च करती है। राज्य में अभी 11 बालिका गृह, 24 बालगृह और 15 अल्पावास गृह संचालित हैं। इन्हें एनजीओ के माध्यम से चलाया जाता है। एक केयर होम पर सरकार प्रति वर्ष करीब 30 लाख रुपये खर्च करती है। बालिका गृह में 6 से 18वर्ष उम्र की भूली भटकी अथवा अन्य कारणों से लाई गई लड़कियों को रखा जाता है। ऐसा ही बाल गृहों के साथ है। जबकि अल्पावास गृहों में 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रखा जाता है। एक गृह में 50 जनो को रखने का प्रवधान है।
मुजफ्फरपुर में लड़कियों की दी गई यातनाएं
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 29 लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाओं की पुष्टि हो चुकी है। हैरान करने वाली बात यह है कि पीड़िताएं 13 से 16 वर्ष आयुवर्ग की हैं। जांच में इनके शरीर पर नोचने खसोटने के निशान भी पाए गए। यौन शोषण से पूर्व इन्हें मारा पीटा जाता रहा। साथ ही शारीरिक संबंध बनाने से पहले इन्हें नशे की सूई देने की बातें भी सामने आ चुकी हैं। यहां से 6 लड़कियां गायब हैं जिनके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं दी जा रही।
छपरा में भी यही दास्तान
छपरा में चलाए जा रहे अल्पावास गृह में एक विक्षिप्त महिला गार्ड के यौन शोषण का शिकार होकर गर्भवती हो गई। संचालिका ने इस बात को दबाए रखा। शक होने पर परियोजना प्रबंधक ने जांच की तब खुलासा हुआ। नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। संचालिका सरोज कुमारी और रामस्वरूप पकड़े गए। एनजीओ नारी उत्थान केंद्र के सचिव रणधीर कुमार की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
कैमूर अल्पावास गृह में भी शोषण
कैमूर के कुदरा प्रखंड के लालापुर में अल्पावास गृह में कुल 22 महिलाएं रखी गयी हैं। इसे प्रति माह दो लाख खर्च मिलता है पर संचालक एनजीओ ग्राम स्वराज संस्थान ने कोई व्यवस्था नहीं कर रखी है। एक ही कमरे में महिलाओं को चौकी पर बिना बिस्तर के ठूंस दिया गया है। महिलाओं ने इसकी शिकायत की तो जांच में सही पाया गया। संस्थान को बक्सर स्थानांतरित करने की योजना बनी। इस संस्थान में दो महिलाओं ने यौन शोषण की शिकायत की लेकिन बात दबा दी गई।
हाजीपुर बालिका गृह में भी यौन शोषण
हाजीपुर बालिका गृह में लड़कियों के यौन शोषण का मामला भी सार्वजनिक हुआ। परियोजना प्रबंधक मनमोहन सिंह पर ही लड़कियों के यौन शोषण के आरोप लगे पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। संचालिका करूणा कुमारी का आरोप है कि केयर होम की जांच के नाम पर सिंह अकेले ही लड़कियों के कमरे में जाते और ज्यादती करते रहे हैं। लड़कियों के कपड़ों को फाड़ देने और उनके साथ जोर जबर्दस्ती की शिकायत मिली। यह लंबे समय से चल रहा बताया जा रहा है। संस्थान को समस्तीपुर स्थानांतरित करने की योजना बनाई गई। लेकिन लड़कियों के हंगामे के बाद इसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।