सीटों को लेकर चल रही रस्साकशी
बात दरअसल यह है कि महागठबंधन में आरजेडी बीस सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना चाहती है। बाकी सीटों पर सभी दलों को ऐडजस्ट करने के संकेत दिए जा रहे हैं। इसमें ही पेंच है। कांग्रेस 12 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ना चाहती। कांग्रेस ने अब यह भी साफ कह दिया कि रांची जेल और अस्पताल में जाकर अब सीट शेयरिंग पर कोई बात नहीं होगी। कांग्रेस की ही तरह उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के लिए चार सीटें लेने पर अड़े हुए हैं। मुकेश सहनी और शरद यादव की पार्टियां भी दो—दो सीटें लेने पर अड़ी हैं पूर्व सीएम जीतनराम मांझी भी चार सीटें हर हाल में चाहते हैं। इसके अलावा सीपीआई,सीपीएम और दूसरी पार्टियां भी हैं। ऐसे में जब एनडीए में सीटों पर तालमेल हो चुका है,महागठबंधन के भाजपा को हराने की गरज से एकजुट दलों में सीट शेयरिंग की रजामंदी नहीं होने से आपसी विवाद बढ़ना तय लग रहा है।