राज्यसभा की खाली हो रही छह सीटों के लिए सभी छह प्रत्याशी चुनाव नहीं होने से नाम वापसी की तिथि खत्म होते ही निर्विरोध निर्वाचित हो गए। चुनाव अधिकारी विधानसभा सचिव आर एस राय ने सभी के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की है ।
दरसअल बिहार की खाली होने वाली सभी छ राज्यसभा सीटो पर 23 मार्च को चुनाव होने वाले थे। 12 मार्च को नामांकन तिथि थी। यहां छ उम्मीदवारों ने ही नामांकन भरा जबकि इस राज्यसभा चुनाव में ऐसी स्थिति थी कि यदि सातवां उम्मीदवार नामांकन भरता तो ही चुनाव करवाए जा सकते थे। सभी प्रत्याशियों को केवल नामांकन वापस लेने की तिथि (15 मार्च) के गुजरने का इंतजार था।
तीन सांसद नए है और तीन पहले भी जा चुके है राज्यसभा
निर्वाचित सदस्यों में तीन सत्तारूढ़ एनडीए और तीन आरजेडी कांग्रेस महागठबंधन के हैं। इनमें जदयू और आरजेडी के दो-दो और भाजपा व कांग्रेस के एक एक सदस्य हैं। निर्वाचित सदस्यों में भाजपा के रविशंकर प्रसाद,जदयू के वशिष्ठ नारायण सिंह और महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र,आरजेडी के अशफाक करीम और मनोज झा तथा कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह हैं। रविशंकर प्रसाद ,वशिष्ठ नारायण सिंह, और किंग महेंद्र पुराने सदस्य हैं जबकि अशफाक करीम ,मनोज झा और अखिलेश सिंह राज्यसभा के लिए पहली बार चुने गए।
कोई केंद्रीय मंत्री तो कोई दवा कंपनी का मालिक यह है इन सांसदो का स्टेटस
इनमें से रविशंकर प्रसाद केंद्रीय मंत्री और वशिष्ठ नारायण सिंह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं। किंग महेंद्र दवा कंपनी के मालिक और आरजेडी के अशफाक करीम कटिहार मेडिकल कॉलेज के मालिक हैं। जबकि अखिलेश प्रसाद सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं और आरजेडी आध्यक्ष लालू यादव के बेहद करीबी हैं। मनोज झा आरजेडी प्रवक्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं।