राज्यपाल के इस कथन को विपक्षी आरजेडी ने सरकार की कमजोरी मानते हुए हमले तेज कर दिए। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि:-
अति शर्मनाक !
राज्यपाल महोदय जानते है कि नीतीश राज में कानून व्यवस्था की शर्मनाक स्थिति है। सीएम के अधीन गृह विभाग भ्रष्टाचार की दलदल में डूबा हुआ है।
अब आप समझ लीजिए बिहार में क्या हालात होंगे जब राज्यपाल महोदय को हस्तक्षेप कर ख़ुद महिला उत्पीड़न पर संज्ञान लेना पड़ रहा है।
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राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग
बिहार के राज्यपाल महोदय मान रहे है कि नीतीश सरकार अपराध,हत्या, महिलाओं के साथ दुष्कर्म,बलात्कार और अत्याचार रोकने में असर्मथ है।
मैं बिहार में शांति भाईचारे,महिला एवं ग़रीब हित में उनसे विनम्रतापूर्वक आग्रह व मांग करता हूॅं कि वो बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफराशि करें।
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राज्यपाल की शक्तियों का अध्ययन करे विपक्ष-जदयू
आरजेडी के इन बयानों के जवाब में जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने विपक्ष के नेता को अपने ज्ञान का आतंक नहीं बरपाने की नसीहत दे डाली। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के अधिकारों का विपक्ष पहले अध्ययन कर ले। राजभवन के विवेकाधिकारों पर सवाल उठाना संविधान की आलोचना है। राज्यपाल कानून के राज को मजबूत करने के लिए अगर कोई निर्णय करें तो यह प्रशासन के लिए और बेहतर साबित होगा। इस पर सवाल उठाया जाना विवेकहीनता है।
गौरतलब है कि राज्यपाल सतपाल मलिक ने गुरुवार को पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ सम्मेलन में लड़कियों की सुरक्षा को मजबूती देने के उपायों पर गंभीरता दिखाते हुए छेड़खानी की वारदात की सूचना पहले राजभवन में देने की बात कही थी। राज्यपाल सतपाल मलिक ने यह भी कहा कि राजभवन में इसके लिए चौबीस घंटे सूचना लेने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए अलग से फोन नंबर आवंटित किए जा रहे और अतिरिक्त अफसरों की तैनाती की जा रही है। छात्र सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी भी विशिष्ट अतिथि के बतौर मौजूद रहे।